शैलेश सिंह
किरीबुरु : बिहार में गया-औरंगाबाद जिलों की सीमा पर डुमरी नाला क्षेत्र में सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन पर हमला कर 10 कमांडो को मौत के घाट उतारने की घटना की अगुआई करनेवाला संदीप दा चाईबासा जेल ब्रेक में फरार हुआ था. भाकपा माओवादी की
स्पेशल एरिया कमेटी (सैक) के सदस्य संदीप दा का असली नाम मोतीलाल सोरेन उर्फ संदीप सोरेन है. 2011 में चाईबासा जेल ब्रेक कर वह कुख्यात माओवादी गिरीश दा रघुनाथ हेंब्रम उर्फ निर्भय दा के साथ फरार हुआ था. संदीप ने अधिकांश समय अपने दस्ते के साथ सारंडा, कोल्हान व पोड़ाहाट के जंगलों में ही बिताया है. इसके अलावा वह रांची, अड़की, बुंडू और ओड़िशा के सुंदरगढ़ व क्योंझर जिलाें के जंगलों में रहता रहा है. संदीप बिहार के गया, औरंगाबाद, जमुई के साथ-साथ झारखंड के लातेहार, पलामू आदि क्षेत्रों में भी आना-जाना करता है. सारंडा कोल्हान व पोड़ाहाट के जंगल के बीच बसे गांवों के ग्रामीणों पर संदीप की अच्छी पकड़ रही है.
2013 में हुई मुठभेड़ में बच निकला था
जेल ब्रेक के बाद 2013 में टेबो थाने के संकरा जंगल में उसकी पुलिस के साथ मुठभेड़ हुई थी. संदीप इसमें फंस गया था. लेकिन, पुलिस पर फायरिंग करते हुए वह निकल भागा था. इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया था. संदीप पर झारखंड सरकार ने 15 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है. झारखंड, ओड़िशा और बिहार की पुलिस के लिए वह सिरदर्द बना हुआ है. पश्चिम सिंहभूम जिले की कई नक्सली घटनाओं में वह नामजद अभियुक्त है. 2011 में सारंडा में सीआरपीएफ व झारखंड पुलिस ने संयुक्त रूप से लगभग एक महीने तक अॉपरेशन ऐनाकोंडा चलाया गया था. उस दौरान संदीप सारंडा में ही था. उस दौरान माओवादी नेता अनमोल दा उर्फ समर जी और रघुनाथ हेंब्रम उर्फ निर्भय जी के साथ सीआरपीएफ जवानों की कई बार मुठभेड़ हुई थी, लेकिन पुलिस की पकड़ में वह कभी नहीं आया. संदीप दा दक्षिणी छोटानागपुर जोनल कमेटी के सचिव पद पर भी लंबे समय तक रहा है. इस दौरान रांची, खूंटी, चाईबासा व सरायकेला-खरसवां जिलों की कमान उसके हाथ में थी. अभी वह सैक सदस्य है.
संगठन से निकाले गये कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन भी संदीप के निशाने पर है. उसकी उम्र लगभग 45-47 है. वह हिंदी, भोजपुरी, मगही, हो (आदिवासी बोली), संथाली, सादरी, ओड़िया, बांग्ला आदि भाषाएं धारा प्रवाह बोलता है. इस कारण उसे किसी भी जिले में भ्रमण के दौरान भाषा की समस्या आड़े नहीं आती. वह आसानी से लोगों के बीच घुल मिल कर अपनी छाप छोड़ देता है.
पीएलजीए कमांडर आजाद भी रह चुका है सारंडा में
किरीबुरु. बिहार पुलिस इस मुठभेड़ में जिस माओवादी कमांडर आजाद के मारे जाने की संभावना जता रही है, वह भी वर्ष 2011 में सारंडा जंगल में संदीप दा के साथ मौजूद था. सारंडा के तिरिलपोसी गांव के पास जंगल में प्रभात खबर से बातचीत में आजाद ने पीएलजीए कमांडर के पद पर रहते हुए कहा था कि केंद्र और राज्य सरकार अॉपरेशन ग्रीन हंट बंद करे और जंगलों से फोर्स को वापस बुलाये, अन्यथा गांव हो या शहर, दुश्मनों (पुलिस) पर हमला जारी रहेगा.
नक्सलियों के खिलाफ साझा अभियान होगा तेज
रांची.पूर्वी क्षेत्रीय सुरक्षा समन्वय के पांच राज्यों के वरिष्ठ पुलिस अफसरों की बैठक बुधवार को रांची में हुई. बैठक में सभी राज्यों ने सीमा क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ ज्वाइंट ऑपरेशन को और तेज करने का निर्णय लिया. पुलिस अधिकारियों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में ज्वाइंट अॉपरेशन के लिए रणनीति भी बनायी. बैठक की अध्यक्षता डीजीपी डीके पांडेय ने की. बैठक की शुरुआत में अधिकारियों ने गया-औरंगाबाद सीमा पर मुठभेड़ में शहीद हुए कोबरा बटालियन के जवानों को श्रद्धांजलि दी.
एक पुलिस-एक आदेश को लागू करने पर बल : पुलिस मुख्यालय की तरफ से बताया गया कि बैठक में डीजीपी ने प्रधानमंत्री के मिशन (एक पुलिस एक आदेश) को लागू करने पर बल दिया. बैठक में आतंकवाद, नक्सलवाद और सांगठनिक अपराध से निबटने के लिए राज्यों के बीच समन्वय की जरूरत बनाये रखने के लिए सीमा क्षेत्र के जिलों के एसपी की लगातार बैठक करने का फैसला लिया गया. सीमा क्षेत्र में संयुक्त अभियान में सुरक्षा बलों के आपसी समन्वय व सहयोग बनाने के लिए कई फैसले लिये गये.
आतंकवादियों गतिविधियों के बारे में दी जानकारी : बैठक में आइबी के अधिकारियों ने आतंकवादियों की गतिविधियों के बारे में पुलिस अफसरों को जानकारी दी. राज्यों के पुलिस अधिकारियों ने इस बात की समीक्षा की कि किस राज्य की पुलिस ने पड़ोसी राज्य को नक्सलियों के बारे में कितनी सूचनाएं दी. साथ ही इस बात पर जोर दिया गया कि नक्सलियों से संबंधित हर तरह की सूचना सीमा क्षेत्र के राज्य को तुरंत उपलब्ध कराया जाये.
बैठक में ये अधिकारी हुए शामिल : बैठक में एडीजी अभियान एसएन प्रधान, आइबी के संयुक्त निदेशक प्रवीण कुमार, आइबी के जेडीडी डॉ के जोस, एडीजी स्पेशल ब्रांच अनुराग गुप्ता, आइजी झारखंड जगुआर प्रशांत सिंह, आइजी सीआइडी संपत मीणा, ओड़िशा के राउरकेला आइजी आरके शर्मा, छत्तीसगढ़ के सरगुजा के डीआइजी हिमांशु गुप्ता, कोल्हान डीआइजी शंभु ठाकुर, पलामू के डीआइजी अखिलेश झा, पश्चिम बंगाल पुलिस के डीआइजी अजय कुमार नंद, एसएसबी के डीआइजी संजय कुमार, मुजफ्फरपुर डीआइजी राजीव राय, बोकारो डीआइजी साकेत कुमार सिंह, डीआइजी हजारीबाग उपेंद्र कुमार आदि उपस्थित थे.