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बृज किशोर के साथ चल्हिकी बिगहा के अन्य किसानों का भी बढ़ा अष्ट्राबेरी की ओर रूझान,कृषि के क्षेत्र में जिला का आदर्श गांव बन कर पूर्व डीएम नवीन चंद्र झा ने किसानों को किया था हौसला बुलंद(फोटो नंबर-21,22) परिचय- मेढ़ पर रखा गया अष्ट्राबेरी का पौधा

बृज किशोर के साथ चिल्हकी बिगहा के अन्य किसानों का भी बढ़ा अष्ट्राबेरी की ओर रूझान,कृषि के क्षेत्र में जिला का आदर्श गांव बन कर पूर्व डीएम नवीन चंद्र झा ने किसानों को किया था हौसला बुलंद(फोटो नंबर-21,22) परिचय- मेढ़ पर रखा गया अष्ट्राबेरी का पौधा अंबा(औरंगाबाद): यदि व्यक्ति में आगे बढ़ने का जज्बा हो […]

बृज किशोर के साथ चिल्हकी बिगहा के अन्य किसानों का भी बढ़ा अष्ट्राबेरी की ओर रूझान,कृषि के क्षेत्र में जिला का आदर्श गांव बन कर पूर्व डीएम नवीन चंद्र झा ने किसानों को किया था हौसला बुलंद(फोटो नंबर-21,22) परिचय- मेढ़ पर रखा गया अष्ट्राबेरी का पौधा अंबा(औरंगाबाद): यदि व्यक्ति में आगे बढ़ने का जज्बा हो तो वह किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ सकता है. प्रखंड के चिल्हकी बिगहा गांव के किसान बृज किशोर ने कृषि के क्षेत्र में एक नया मिसाल कायम कर जिले ही नहीं बल्कि पूरे राज्य के किसानों को नयी तकनीक से अवगत कराया है. पिछले वर्ष उन्होंने हरियाणा के हिसार से अष्ट्राबेरी का पौधा लाकर खेती की .उसकी खेती को देखने के लिए बिहार के कई जिले के किसान आये.इसके साथ ही झारखंड के किसान भी आकर अष्ट्राबेरी की खेती से अवगत हुए. इस खेती से बृजकिशोर को काफी मुनाफा भी हुआ.उन्होंने बताया कि लागत को छोड़ कर मात्र 4 महीने की खेती में उसने तीन लाख से अधिक मुनाफा कमाया. वह भी मात्र 16कटठे की खेती कर.उसके द्वारा की गयी औषधीय फल के उत्पादन को देखने जिला के वरीय अधिकारी भी आये थे. उस समय के तत्कालीन डीएम नवीनचंद्र झा, तत्कालीन एसडीओ भीम प्रसाद, डीएओ शैलेंद्र कुमार ओझा, डीएचओ डा.श्रीकांत व अन्य अधिकारी ने भी उसकी खेती की जायजा लेकर कई सुझाव दिये थे. बृज किशोर के इस जज्बा से खुश होकर तथा गांव में अन्य कई तरह की खेती को देख डीएम ने गांव को कृषि के क्षेत्र में आदर्श गांव बनाने की बात कही थी.बृज किशोर को इसके लिए सम्मानित किया गया था और प्रगतिशील किसान का प्रमाण पत्र भी दिया गया था. डीएचओ ने उद्यान विभाग की ओर से किसान आधुनिक पॉली हाउस लगवा कर उसका हौसला बुलंद किया था. उनके इस जज्बा को देख कर गांव के अन्य किसान भी अष्ट्राबेरी की खेती करने मंे जुट गये है.रघुपत करेंगे ढाई बिगहा में खेती,पूना से मंगाया है पौधाइस वर्ष गांव में बड़े पैमाने पर खेती होनी उम्मीद है. उक्त गांव के ही रघुपत मेहता ने ढ़ाई बिगहा जमीन में खेती करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए वे पूना के महाबलेश्वर से पौधा लाये है. पिछले वर्ष फसल देखने के क्रम में डीएम ने महाबलेश्वर से पौधा लाने का सलाह दिया था. पौधा लाने के लिये उन्हें तीन दिन और तीन रात का सफर करना पड़ा.रघुपत ने बताया कि ढाई बिगहा खेती करना है. इसके लिए 38 हजार पौधा लाया है. इसमें से 35 हजार पौधा प्लास्टिक के ग्लास में तो तीन हजार पौधा खुला है.पौधा लाने में उन्हें एक लाख भाड़ा पर खर्च हुआ. पौधा खरीदने में उन्हें साढ़े तीन लाख रुपया खर्च हुआ. उन्होंने बताया कि पूना में खेती को देख कर वे दंग रह गये. वहां जितने होटल है उसके पास ही फार्म हाउस भी बना है जिसमें अष्ट्राबेरी की खेती व्यापक तौर पर किया जा रहा है.

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