परता व मटिहानी बियर के अस्तित्व पर संकट किसानों को नहीं मिल रहा है लाभजनप्रतिनिधियों की घोषणा मात्र से सिमट कर रह गयी सिंचाई परियोजनाएं (फोटो नंबर-24)परिचय- परता बियर में जमा शिल्टअंबा (औरंगाबाद) किसानों के हित में सिंचाई परियोजनाएं शुरू तो की जाती है पर पूरा नहीं की जाती है. परियोजनाओं को पूरा कराने में न तो प्रशासन का ही ध्यान रहता है और न ही जनप्रतिनिधियों का. प्रखंड क्षेत्र में सिंचाई के लिए कई परियोजनाएं शुरू करायी गयी, पर एक भी पूर्ण नहीं हो सका. लगता है परियोजना को शुरू केवल किसानों को ठगने के उद्देश्य से ही की जाती है. यदि सिंचाई के लिए शुरू करायी गयी सभी परियोजना पूरी हो जाये तो किसानों के खेत सोना उगलेगी. प्रखंड के कई क्षेत्रों में सिंचाई के अभाव में धान की रोपनी नहीं हो पाती है तो कुछ क्षेत्रों में रोपनी होने के बाद भी सिंचाई के अभाव में फसल मारी जाती है. इधर, कई परियोजना रख रखाव के अभाव में दम तोड़ रही है और धीरे-धीरे लोगों के आशा पर पानी फिरने लगता है. हालांकि चुनाव आते ही प्रतिनिधि सिंचाई परियोजना को पूरा कराने की राग अलापते नहीं थकते पर चुनाव समाप्त होते ही परियोजना का नाम भी भूल जाते हैं. चाहे परता का बटाने बियर हो या फिर मटिहानी का दोनों का हस्र करीब -करीब एक जैसा है. इन दोनों ही बियरों को सिंचाई परियोजना के रूप में विकसित किया गया था. बटाने नदी में बांध लगा कर परता और मटिहानी बियर का निर्माण कराया गया था और नहरें निकाली गयी थी जिसमें स्थानीय गांवों में सिंचाई होती थी. बरसात के दिनों में ये बियर कारगर साबित होते है और लोगों को इसका लाभ मिलता है पर बांध की स्थिति इतनी जर्जर हो गयी है कि अब इसके अस्तित्व पर संकट के बाद मंडराने लगे है. नदी में शिल्ट का जमाव इन बियरों की सबसे बड़ी समस्या है. बांध के समीप नदी के जल भंडारण क्षेत्र में शिल्ट के जमाव से नदी का अधिकांश पानी नदी में ही बह जाता है. नदी के पानी को नियंत्रित करने के लिये बांध के समीप लगाये गये फाटक का भी बुरा हाल है. परता बियर से निकला राइट कैनाल में इस वर्ष पानी किसानों को मिला पर लेफ्ट कैनाल का स्थिति काफी बदतर है. नदी को बांध कर उसके ऊपर जो स्लैब लगाया गया है वे भी एक-एक कर उखड़ कर बिखर रहे हैं. बरसात के बाद नदियों का पानी सूख जाने की स्थिति में बियर बिना काम के साबित होते है. इन बियरों के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करने के लिए कोई अधिकारी भी नहीं मिलते.परता बियर से लाभान्वित गांव भखरा, देशपुर, पांडेय बिगहा, गंगहर, भटबिगहा, जगई, रतिखाप व बैजल आदि.मटिहानी बियर से लाभान्वित गांवबुमरू, दुधार, भेलवां, सुंदरगंज, अमौना, पेचकच, राजपुर व सिमरा आदि.बियरकी समस्याएं शिल्ट के जमाव से नदी में नहीं जमा हो पाता है पानीबिगड़े पड़े है दोनों बियरों के गेटनहीं होता है ऊपर-नीचे बांध में लगाये गये स्लैब भी उखड़ कर बिखर रहे हैंनहीं मिल रहा है किसानों को परियोजना का लाभसमुचित रख-रखाव नहीं होने से स्थिति हुई खराबखोजने से भी नहीं मिलते इसके अधिकारी व कर्मचारी परियोजना के अस्तित्व पर गहरा गया है संकट उत्तर कोयल नहर से नहीं मिल रहा है समुचित लाभप्रखंड क्षेत्र के अधिकतर भू-भाग को सिंचित करनेवाला उत्तर कोयल नहर का समुचित लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है. जब बारिश होती है तब यह नहर उफान पर रहती है. पर बारिश नहीं होने पर सूख जाती है. हालांकि इसके अधूरे कार्यों को पूरा कराने की बात स्थानीय जनप्रतिनिधि के साथ -साथ सांसद व मंत्री तक करते हैं पर किसानों को अब तक इसे पूरा नहीं कराया जा सका है.कोई नहीं ले रहा है किसानों की सुधि चुनाव आने पर सभी पार्टी के नेता किसानों के हित में बातें करते है, पर चुनाव समाप्त होते ही इनका कोई देखनहार नहीं रहता है. विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान किसानों के लिए अपना खून बनाने को कहने वाले नेता अब देखने को भी नहीं मिल रहे हैं. बारिश के अभाव में किसानों की फसल मर रही है, पर इसके लिए किसी ओर से कोई पहल नहीं की जा रही है.
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परता व मटिहानी बियर के अस्तत्वि पर संकट
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