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हैवानियत: गैंगरेप की घटना से फिर मानवता शर्मसार जांच में जुटी पुलिस

औरंगाबाद (कोर्ट): शहर में घटी गैंग रेप की घटना ने एक बार फिर मानवता को शर्मसार कर दिया है. जिस तरह से एक आठवीं कक्षा की छात्रा को तीन युवक उसे उठा ले गये और घटना को अंजाम दिया. वह किसी हैवानियत से कम नहीं थी. इस घटना में छात्रा के सिर में गंभीर चोट […]

औरंगाबाद (कोर्ट): शहर में घटी गैंग रेप की घटना ने एक बार फिर मानवता को शर्मसार कर दिया है. जिस तरह से एक आठवीं कक्षा की छात्रा को तीन युवक उसे उठा ले गये और घटना को अंजाम दिया. वह किसी हैवानियत से कम नहीं थी. इस घटना में छात्रा के सिर में गंभीर चोट लगने के अलवा शरीर के अन्य हिस्सों में चोटें आयी हैं. उसका प्राथमिक उपचार भी कराया गया. जल्द ही शरीर पर लगे जख्म भर भी जायेंगे, पर जो जख्म उसकी आत्मा को लगी है. संभव है वह ताउम्र ना भरे.
हालांकि छात्रा के शरीर पर जो जख्म हैं, ऐसा कहा जा रहा है कि वह बाइक से गिरने के कारण जख्मी हुई है. आखिर छात्रा के साथ जोर जबरदस्ती करते वक्त उसके साथ मारपीट की गयी है या फिर बाइक से गिर कर यह जख्मी हुई है. पुलिस गंभीरता से मामले की जांच में जुट गयी है. घटना के बाद जब पीड़िता को थाना लाया गया तो एसपी बाबू राम यहां पहुंचे और खुद पीड़िता से पूछताछ की.
घटनास्थल व स्कूल के रजिस्टर की हुई जांच
थाना में पीड़िता से पूछताछ के बाद पुलिस ने घटनास्थल से लेकर पीड़िता के स्कूल के रजिस्टर तक की जांच की. एसडीपीओ अजय नारायण यादव, महिला थानाध्यक्ष शकुंतला कुमारी व अन्य दारोगा दल-बल के साथ एनएच दो पर कथरूआ गांव स्थित घटनास्थल पहुंचे और गहनता से छानबीन की. पूछताछ के दौरान पता चला कि जिस घर में घटना का अंजाम दिया गया है वह सच्चिदानंद सिंह का है, जिसमें किरायेदार के रूप में घटना में शामिल एक आरोपित पंकज कुमार (गूंगा) की एक बहन परिवार के साथ रहती है. पूछताछ के क्रम में आरोपित की बहन ने बताया कि फतेहा गांव के तीन युवक किराया पर मकान लेने के लिए आये थे. जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है. कथरूआ में जांच के उपरांत पुलिस एक विद्यालय पहुंची और रजिस्टर की जांच की. इस दौरान विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य उदय कुमार सिंह ने रजिस्टर दिखाते हुए बताया कि सोमवार के बाद छात्र विद्यालय आयी ही नहीं. पुलिस हर बिंदु पर जांच करने में जुटी है.
जांच से हो सकते हैं कई खुलासे
गैंगरेप की घटना की गहनता से जांच करने पर चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं. ऐसा संकेत उस मकान की (घटना स्थल) जांच के दौरान पुलिस को मिले हैं. पूछताछ के दौरान आरोपित गूंगा की बहन ने पुलिस को बताया था कि नीचले तल्ले के कमरे में रहनेवाले युवकों को हटा दिया गया है और उस कमरे में भूसा रखा हुआ है. उसने पुलिस को इस घटना में तीन युवकों को शामिल होने की बात बतायी है, जिसमें फतेहा गांव निवासी चंदन व विकास नामक युवक का नाम बताया है. जांच के क्रम में पुलिस भी चौंकगयी. जब अंडर ग्राउंड जैसे दिखने वाले कमरे में एक तरफ बोरे में भर कर भूसा तो रखा गया था. लेकिन, दूसरी ओर एक बिस्तर भी लगाया गया था. इसी से अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस तरह के कामों के लिए घंटे-दो घंटे के लिए कमरे किराये पर दिये जाते थे. इस दौरान पीड़िता ने एक अन्य युवती के बारे में बतायी जो घटना के वक्त थी. पुलिस ने संध्या नामक उस युवती को हिरासत में लेते हुए पूछताछ के लिए थाने लायी.
छात्र संगठन करेंगे आंदोलन
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और एनएसयूआइ ने घटना की निंदा की है. अभाविप के प्रदेश सह मंत्री दीपक कुमार ने कहा है कि पुलिस की कार्यशैली औरंगाबाद के लिए संदिग्ध रही है. कई बार इस तरह की घटनाएं यहां घटी. हर बार प्रशासन द्वारा ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने का आश्वासन दिया गया. लेकिन, आज तक रोक नहीं लगी. अभाविप द्वारा पूर्व में भी सभी महाविद्यालयों पर सुरक्षा व्यवस्था करने और मनचलों पर नजर रखने की मांग की गयी थी. लेकिन, इस पर ध्यान नहीं दिया गया. यही कारण है कि अब छात्रएं सुरक्षित महसूस नहीं कर रही है. इधर एनएसयूआइ के जिलाध्यक्ष आशुतोष कुमार एवं जिला उपाध्यक्ष विवेक सिंह ने कहा कि स्कूली छात्र के साथ घटी रेप की घटना ने जिले को शर्मसार किया है. विद्यालय और महाविद्यालय की छात्रएं अपने-आप को असुरक्षित महसूस कर रही है. पुलिस की कार्यशैली भी ठीक नहीं है. आखिर कैसे अपने-आप को छात्रएं सुरक्षित महसूस करेंगी?

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