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दो युवकों में मिले डेंगू के लक्षण, चल रहा इलाज

औरंगाबाद शहर : जिले में दो युवकों के शरीर में डेंगू के लक्षण पाये गये हैं. एक युवक पिंटू कुमार नवीनगर के सोरी गांव का रहनेवाला है, जबकि दूसरा युवक धर्मेंद्र कुमार गोह प्रखंड का निवासी है. दोनों बाहर में रह कर काम करते हैं और वहीं इस बीमारी की चपेट में आये हैं. पिंटू […]

औरंगाबाद शहर : जिले में दो युवकों के शरीर में डेंगू के लक्षण पाये गये हैं. एक युवक पिंटू कुमार नवीनगर के सोरी गांव का रहनेवाला है, जबकि दूसरा युवक धर्मेंद्र कुमार गोह प्रखंड का निवासी है. दोनों बाहर में रह कर काम करते हैं और वहीं इस बीमारी की चपेट में आये हैं.

पिंटू का इलाज फिलहाल शहर के कर्मा रोड स्थित डॉ ओमप्रकाश की निजी क्लिनिक में चल रहा है. इसकी स्थिति खतरे से बाहर है और नियंत्रण में है. पिंटू ने बताया कि वह पंजाब में रहकर काम करता है. वहीं उसकी तबीयत खराब हुई थी. प्राइमरी इलाज के बाद वह वापस घर लौट आया.
यहां जब डॉ ओम प्रकाश की देखरेख में इलाज शुरू किया गया तो जांच में डेंगू के लक्षण पाये गये हैं. वहीं दूसरा युवक धर्मेंद्र भी पंजाब में ही रहकर काम करता था. वहीं वह डेंगू की चपेट में आया था. शहर के एमजी रोड स्थित निजी क्लिनिक में उसका इलाज चल रहा है.
गया मगध मेडिकल में प्लेटलेट्स की लगायी जा रही मशीन : मगध मेडिकल अस्पताल में ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट शुरू करने के लिए मशीन लगायी जा रही है. हालांकि, अब तक यह प्रक्रिया प्रारंभिक दौर में ही है. यहां डेंगू, मलेरिया, जेइ-एइएस के मरीज समय-समय पर आते रहते हैं.
यहां सेपरेशन यूनिट नहीं होने से मरीज काे अगर ब्लड के सहयोगी तत्व चढ़ाने की जरूरत होती है, तो मरीज को रेफर कर दिया जाता है. यूनिट शुरू होने के बाद ब्लड में चार कंपोनेंट जैसे रेड ब्लड सेल (आरबीसी), प्लाज्मा, प्लेटलेट्स व क्रायोप्रेसीपिटेट को अलग करके इससे आरबीसी, प्लाज्मा, प्लेटलेट्स व क्रायोप्रेसीपिटेट अलग किया जायेगा.
जरूरत के मुताबिक इनको निकाला जायेगा. एक यूनिट से तीन से चार लोगों की जरूरत पूरी की जा सकेगी. ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट लगाने की प्रक्रिया जटिल है. यूनिट चालू होते ही मरीजों को जरूरी तत्व मिलने शुरू हो जायेंगे. इससे मरीजों को रेफर नहीं करना पड़ेगा.
एडीज एजिप्ट नामक मच्छर के काटने से फैलता है रोग
बुखार व दर्द की शिकायत से पीड़ित मरीज में यदि डेंगू के लक्षण पाये जाते हैं, तो अलग कक्ष (आइसोलेट) में रखना चाहिए, ताकि मरीज को मच्छर नहीं काट सके. क्योंकि, संक्रमित व्यक्ति को काटने वाले मच्छर यदि सामान्य आदमी को काट ले, तो उसे भी डेंगू होने का खतरा बना रहता है. एडीज एजिप्ट नामक मच्छर के काटने से डेंगू फैलता है. यह मच्छर दिन में काटता है.
अक्सर यह सुबह तड़के व शाम को सूरज ढलते समय हमला करते हैं. डेंगू के चार प्रकार होते हैं. इसमें से किसी एक वायरस से यह बीमारी होती है. कोई मरीज जब इस बीमारी से ठीक हो जाता है, तो उसे केवल एक प्रकार के वायरस से लंबे समय के लिए प्रतिरोधी क्षमता मिल जाती है, जबकि तीन अन्य प्रकार के वायरस से दोबारा डेंगू हो सकता है. दूसरी बार डेंगू वायरस काफी गंभीर होता है. इसे डेंगू हेम्रेज कहते हैं.

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