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कार्य में आयेगी गति, जमीन अधिग्रहण समस्या का जल्द किया जायेगा समाधान

एचसीसी कंपनी के अधिकारियों को दिया गया दिशा निर्देश अतमी और बलिया गांव के पास कुछ जमीन का अधिग्रहण अब तक नहीं हो पाया दाउदनगर अनुमंडल : दाउदनगर- नासरीगंज के बीच निर्माणाधीन सोन पुल एवं एप्रोच रोड निर्माण कार्य में जल्द तेजी आयेगी. जून 2018 तक इस परियोजना को पूरा कराने का लक्ष्य रखा गया […]

एचसीसी कंपनी के अधिकारियों को दिया गया दिशा निर्देश

अतमी और बलिया गांव के पास कुछ जमीन का अधिग्रहण अब तक नहीं हो पाया
दाउदनगर अनुमंडल : दाउदनगर- नासरीगंज के बीच निर्माणाधीन सोन पुल एवं एप्रोच रोड निर्माण कार्य में जल्द तेजी आयेगी. जून 2018 तक इस परियोजना को पूरा कराने का लक्ष्य रखा गया है. बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के उप मुख्य अभियंता उत्तम कुमार ने गुरुवार को दाउदनगर पहुंच कर पुल एवं एप्रोच रोड निर्माण कार्य का निरीक्षण किया और निर्माण कार्य करा रही एचसीसी कंपनी के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया. उनके साथ वरीय परियोजना अभियंता श्रीकांत शास्त्री भी मौजूद रहे. निर्माण स्थल पर निरीक्षण के बाद उन्होंने एचसीसी के कार्यालय में एचसीसी पदाधिकारियों के साथ बैठक करते हुए उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिया.
पत्रकारों के सवाल के जवाब में वरीय परियोजना प्रबंधक अभियंता श्रीकांत शास्त्री ने कहा कि तरारी मौजा में नौ एकड़ जमीन का अधिग्रहण अभी नहीं हो पाया है. जमीन अधिग्रहण की समस्या का समाधान के लिए जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को कहा गया है. उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि एक सप्ताह के भीतर भू-अर्जन का काम पूरा हो जाना चाहिए तथा कार्य में तेजी आयेगी. पत्रकारों ने जब उनसे कार्य की गति काफी धीमी होने के बारे में सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि कार्य में तेजी लायी जा रही है और प्रगति हो रही है. जल्द सोनपुल व एप्रोच रोड का निर्माण कार्य पूरा हो जाने की उम्मीद है. इसके लिए जून 2018 तक का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. जीएसटी आदि का क्लेम बना कर कंपनी दे तो पैसा तुरंत भुगतान कर दिया जाएगा. उन्होंने एचसीसी के पी एम श्रीनिवास राव एवं प्रशासनिक प्रबंधक आशुतोष कुमार पांडेय से निर्माण कार्य की प्रगति के बारे में आवश्यक जानकारी प्राप्त करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए. उम्मीद जताया गया कि निर्धारित लक्ष्य के अनुसार जून 2018 तक निर्माण कार्य समाप्त हो जाना चाहिए.
परियोजना में हो चुका है विलंब, धीमा हो रहा काम
गौरतलब हो कि दाउदनगर नासरीगंज सोनपुल परियोजना एवं एप्रोच का निर्माण कर 4 मार्च 2014 को शुरू हुआ था, जिसे 3 मार्च 2017 तक समाप्त कर देना था. लेकिन उस समय तक कार्य समाप्त नहीं हुआ और समाप्त करने की अवधि बढ़ा कर जून 2018 कर दिया गया. अभी जो स्थिति है, उसके अनुसार इस निर्धारित समयावधि में भी इस परियोजना का पूर्ण पाना संदिग्ध दिखता है. 2014 में उस समय इस परियोजना की लागत राशि 619.28 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति मिली थी, जो 15 दिसंबर 2016 को 1006.56 करोड़ हो गयी. एचसीसी के प्रोजेक्ट मैनेजर एम श्रीनिवास राव ने बताया कि परियोजना की कुल लागत राशि 501 करोड़ रुपया है,
जबकि शेष राशि जमीन अधिग्रहण के लिए है. 380 करोड़ रुपए का काम समाप्त हो चुका है. शेष बचे 120 करोड़ में से 50 करोड़ की लागत से जिस जमीन पर कार्य कराया जाना है, उस जमीन का अभी तक अधिग्रहण ही नहीं हो सका है और न ही यह स्पष्ट हो पा रहा है कि आखिर कब तक सरकार या जिला प्रशासन जमीन अधिग्रहण कर कंपनी को कार्य करने के लिए देगी. इस जमीन का अधिग्रहण हेतु 93 करोड़ रुपया भू अर्जन में भेज दिया गया है. दाउदनगर की ओर तरारी मौजा में तथा नासरीगंज की ओर अतमी और बलिया गांव के पास कुछ जमीन का अधिग्रहण अभी तक नहीं हो पाया है, जिसके कारण एप्रोच रोड का निर्माण कार्य बाधित है.
1.7 किलोमीटर एप्रोच रोड का निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं हो पाया है. बाकी 70 करोड़ रुपए का कार्य प्रगति पर है, जो जून तक पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है. उस कार्य के पूरा होने के बाद जिस जमीन का अधिग्रहण नहीं हो सका है, यदि वह नहीं हो सका तो उनके पास काम नहीं रह पाएगा . बताया गया कि जमीन नहीं मिलने के कारण कार्य की गति काफी धीमी हुई है. जीएसटी लागू होने के बाद 4.50 करोड़ रुपया सरकार को जीएसटी में दिया गया, जो अभी तक वापस नहीं मिल पाया है. कुल 8.1 किलोमीटर एप्रोच रोड का निर्माण करना है, जिसमें से 1.7 किलोमीटर सड़क का निर्माण जमीन अधिग्रहण नहीं हो पाने के कारण नहीं शुरू हुआ है. मुख्य पुल का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है. उसे फिनीशिंग एवं अन्य कुछ कार्य करने का काम किया जा रहा है. मानसून के पहले पुल का निर्माण कार्य पूरा हो जाने की पूरी संभावना है. जमीन नहीं मिलने के कारण करीब साढ़े बारह करोड़ रुपया पड़ा हुआ है. प्रतिदिन स्टेबलिस्टट खर्च करीब दो करोड़ रुपया है. निर्माण सामग्रियों की कीमत भी काफी बढ़ती जा रही है. पुराने दर पर ही काम कराया जा रहा है. जीएसटी समेत अन्य मद में करीब 25 करोड़ रुपए इस कंपनी का लंबित पड़े हुए हैं. इसके कारण भी कार्य प्रभावित हो रहा है. मूल समस्या जमीन अधिग्रहण की है और जमीन अधिग्रहण की समस्या समाप्त होने के बाद ही कार्य को प्रगति मिल पाएगी और तभी कार्य को पूरा होने की उम्मीद भी व्यक्त की जा सकती है.

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