अंजलि भारद्वाज, मोनू अलबेला, टिंकू टाईगर व ममता मिश्रा ने बांधा समां
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गीतों से हुआ मां सतबहिनी का गुणगान, खूब झूमे दर्शक
अंजलि भारद्वाज, मोनू अलबेला, टिंकू टाईगर व ममता मिश्रा ने बांधा समां अंबा : अंबा सतबहिनी महोत्सव के रंग में रंग गया है. हर ओर महोत्सव की धूम है. गुरुवार को सतबहिनी पूजन के बाद झांकी निकाली गयी. मंच उद्घाटन के बाद अंजली भारद्वाज, मोनू अलबेला, टिंकू टाईगर व ममता मिश्रा आदि कलाकरों ने कार्यक्रम […]
अंबा : अंबा सतबहिनी महोत्सव के रंग में रंग गया है. हर ओर महोत्सव की धूम है. गुरुवार को सतबहिनी पूजन के बाद झांकी निकाली गयी. मंच उद्घाटन के बाद अंजली भारद्वाज, मोनू अलबेला, टिंकू टाईगर व ममता मिश्रा आदि कलाकरों ने कार्यक्रम की प्रस्तुति दी. अंजली भारद्वाज ने मां की स्तुति के साथ ही कई भक्ति गीतों से समां बांध दिया. उनका गीत ‘मईया के बिंदिया लिलार बड़ी निक लागेला’ पर दर्शक झूम उठे. टिंकू टाईगर ने सतबहिनी मां महिमा का बखान अपने गीत के माध्यम से किया. सतबहिनी माई के गुंजे जयकरिया हो, नगरिया जाने ला पर पूरां समा तालियां से गूंज
उठा. ममता मिश्रा ने अपनी गीत से पूरा महौल भक्तिमय बना दिया. मंच से नीचे उतर कर दर्शको के बीच उन्होंने अपनी प्रस्तुति दी. स्थानीय कलाकार पंकज पाल द्वारा प्रस्तुत की छठी मईया के गीत को दर्शकों ने सराहा.
अंबा को पर्यटन से
जोड़ने की उठी मांग
अंबा को पर्यटन से जोड़ा जाए और देव महोत्सव की तर्ज पर अंबे महोत्सव का भी प्रशासन अधिग्रहण करे. महोत्सव के मंच से विभिन्न वक्ताओं ने इस मांग को दुहराया. वक्ताओं ने कहा कि जनसहयोग से अंबावासी इस महोत्सव को पिछले 14 वर्षों से कराते आ रहे हैं. मां सतबहिनी से बिहार ही नहीं, बल्कि झारखंड व उत्तर प्रदेश के लोगो की भी आस्था जुड़ी है. लोग यहां मां के दर्शन पूजन के लिए आते हैं. महोत्सव में स्थानीय के साथ-साथ बाहरी कलाकर समां बांधते हैं. महोत्सव से संस्कृति का जुड़ाव है. इसके बावजूद भी इसका अधिग्रहण प्रशासन द्वारा नहीं किया जा रहा है.
हालांकि लोगो ने कहा कि जब तक सरकार इसका अधिग्रहण नहीं करती तब तक इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखेंगे. उद्घाटन के मौके पर पहुंचे सांसद, औरंगाबाद विधायक, पूर्व विधायक ललन भुईंया ने इसके लिए प्रयास करने का आश्वासन दिया. सांसद ने कहा कि अपनी ओर से अनुशंसा करेंगे. सभा की अध्यक्षता आयोजन समिति के अध्यक्ष राम प्रसिद्ध सिंह केसरी व सभा का संचालन प्रो दिलीप कुमार ने किया. हालांकि महोत्सव समिति ने उद्घाटन समारोह में पर्यटन मंत्री व कला संस्कृति मंत्री के आने की बात कही थी. मंत्री को नहीं आने से लोगों में निराशा हुई है. विदित हो अंबा में वर्ष 2004 से महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है.
महोत्सव को सरकारी दर्जा देने की मांग हर वर्ष की जाती है. प्रतिनिधि व अधिकारी आश्वासन देते हैं, पर अब तक इसे दर्जा नहीं मिला. दो वर्ष पूर्व जिला प्रशासन की मांग पर कला संस्कृति मंत्रालय से दो लाख रुपये आवंटित किया गया था, पर एक वर्ष बाद वह भी बंद कर दिया गया है. पूर्व के महोत्सव में मंच से उस समय के नगर विकास मंत्री भोला सिंह ने अंबा को नगर पंचायत का दर्जा दिये जाने की घोषणा की थी, पर इस पर भी पहल नहीं हो सकी.
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