कुर्था अरवल :पीएचसी कुर्था में अगर भर्ती होना है तो आपको घर से चादर लाना होगा. पीएचसी में अक्सर यही हालत देखने को मिलता है. एक तरफ राज्य सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य को लेकर आये दिन करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रही है ताकि सूबे में स्वास्थ्य की तमाम सुविधाएं समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचे, परंतु हकीकत यह है कि अधिकारियों की लापरवाही की वजह से मरीजों को इस लहलहाती दोपहर में बरामदे में बगैर चादर बिछा बेड पर ही लिटा कर उपचार किया जाता है. वहीं डॉक्टर साहब को इस गर्मी में एसी की सख्त जरूरत पड़ रही है.
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कुर्था पीएचसी में इलाज के लिए घर से लानी पड़ती है चादर, नहीं मिलता है मरीजों को मेनू के अनुसार भोजन
कुर्था अरवल :पीएचसी कुर्था में अगर भर्ती होना है तो आपको घर से चादर लाना होगा. पीएचसी में अक्सर यही हालत देखने को मिलता है. एक तरफ राज्य सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य को लेकर आये दिन करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रही है ताकि सूबे में स्वास्थ्य की तमाम सुविधाएं समाज के अंतिम पंक्ति में […]
जब प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार से इस बाबत पूछा जाता है कि क्या डॉक्टरों के कक्ष में ही एसी लगाया जाना है. मरीजों के कक्ष में नहीं, तो उन्होंने ये कहते हुए पल्ला झाड़ देते हैं कि जब तक नया ट्रांसफाॅर्मर स्वास्थ्य केंद्र में नहीं लगेगा तब तक मरीजों के वार्ड में एसी लगाना मुश्किल है, क्योंकि वोल्टेज सही ढंग से नहीं मिल पाता है.
ये जवाब खुद में भी बहुत बड़ा सन्देहास्पद है कि डॉक्टर के कक्ष में एसी लगने पर वोल्टेज की कमी महसूस नहीं होती है और मरीजों के कक्ष में लगाने से वोल्टेज की कमी महसूस होती है. सूत्रों की मानें तो पीएचसी में भर्ती मरीजों को मेनू के अनुसार भोजन भी नहीं कराया जाता है.
जबकि राज्य सरकार द्वारा सख्त निर्देश है कि तमाम मरीजों को भर्ती होने के बाद नाश्ता-भोजन से लेकर तमाम सुविधाएं उपलब्ध करायी जाये परंतु भोजन के नाम पर मरीजों को सिर्फ खानापूर्ति की जाती है और उस मेस में चिकित्सकों के लिए मनमाफिक भोजन तैयार कर उन्हें परोसा जाता है, बावजूद अब तक उक्त मामलों पर जिले के आला अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट नहीं हो सका है.
बताते चलें कि डॉक्टर एवं स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही से कुछ माह पहले ग्रामीण जनता ने क्रांतिकारी सामाजिक चेतना मंच के अगुवाई में आंदोलन किया था जिसको संज्ञान में लेते हुए तत्काल अरवल जिलाधिकारी सतीश कुमार ने स्वास्थ्य केन्द्र में औचक निरीक्षण किया और उन्होंने काफी गड़बड़ियां पकड़ी थीं. इसके बाद कुछ कर्मचारियों को स्थानांतरित भी किया गया था, फिर भी स्वास्थ्य केन्द्र में कोई सुधार होते नहीं दिख रहा. वहीं स्थानांतरण हुए कर्मी भी वापस कुर्था पीएचसी में ही आकर अपना योगदान देकर कार्य कर रहे हैं.
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