अरवल : अरवल को जिला बने हुए 18 वर्ष गुजर गये, लेकिन अभी तक जिले में जेल का निर्माण नहीं हो पाया है. जेल नहीं होने के कारण जहानाबाद जेल में जिले के कैदियों को रखा जाता है. हर दिन करीब 45 किलोमीटर की दूरी तय कर जहानाबाद काको से कैदी को कोर्ट में पेश किया जाता है.
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जिला बने बीत गये 18 साल अब तक नहीं बना जेल भवन
अरवल : अरवल को जिला बने हुए 18 वर्ष गुजर गये, लेकिन अभी तक जिले में जेल का निर्माण नहीं हो पाया है. जेल नहीं होने के कारण जहानाबाद जेल में जिले के कैदियों को रखा जाता है. हर दिन करीब 45 किलोमीटर की दूरी तय कर जहानाबाद काको से कैदी को कोर्ट में पेश […]
आपराधिक मामलों में सजा काट रहे और मुकदमे के दौरान विचाराधीन कैदियों को रखने के लिए कोई जेल नहीं थी, इसलिए सारे कैदियों को पड़ोस के जिले की जेल में रखा जाता है. जिले के कैदियों को पेशी के दौरान जहानाबाद से अरवल प्रतिदिन दो वाहनों से लाया जाता है, जिसमें काफी दिक्कतें और धन लगता है. मालूम हो कि जिला लंबे समय से माओवादी हिंसा से प्रभावित रहा है.
यहां कई कुख्यात और इनामी नक्सलियों को गिरफ्तार कर जहानाबाद जेल में रखा गया है. लंबे समय से इन नक्सलियों की पेशी पुलिस के लिए बड़ा सिरदर्द है. नक्सलियों को दूसरे बंदियों से अलग ले जाया जाता है. इसी तरह यहां के हार्डकोर अपराधियों को ले जाने की खातिर अलग गार्ड लगाये जाते हैं.
लंबी दूरी तय कर अरवल आना फिर पेशी के बाद ले जाने में पुलिसकर्मी हांपते रहते हैं. जब तक नयी जेल नहीं बनेगी, तब तक पुलिस को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ेगर. साथ ही जेल में बंद कैदियों को बेल मिलने पर रात में छोड़ा जाता है, जिससे उन्हें एक रात जहानाबाद में ही कहीं पर रुकना पड़ता है.
हाइकोर्ट ने सरकार से 9 मई को मांगा है जवाब : अरवल जिला बनने के 18 वर्ष बाद भी अब तक जेल का निर्माण नहीं कराये जाने को लेकर पटना हाइकोर्ट ने राज्य के जस्टिस ज्योति शरण और जस्टिस अंजनी कुमार शरण की खंडपीठ ने इस संबंध में दायर लोकहित याचिका की सुनवाई करते हुए शुक्रवार को यह निर्देश दिया.
खंडपीठ ने राज्य के मुख्य सचिव को बताने को कहा कि कम-से-कम कितने समय में अरवल में जेल का निर्माण करा दिया जायेगा. कोर्ट को बताया गया कि वर्ष 2001 में अरवल जिला बन गया, लेकिन अब तक वहां जेल नहीं बनी है, जिसके कारण वहां के बंदियों को दूसरे जिले की जेल में रखा जाता है.
क्या कहते हैं अभियंता
जेल के लिए सदर प्रखंड के रामपुर गांव में जमीन का चयन किया गया है. पांच एकड़ जमीन की मापी की जानी है.
राकेश कुमार, कार्यपालक अभियंता, भवन निर्माण विभाग
बाेले जिलाधिकारी
चुनाव बाद स्थल का चयन किया जायेगा. चुनाव कार्य में व्यस्तता होने के कारण इस पर कुछ नहीं कह सकते हैं.
रविशंकर चौधरी, डीएम, अरवल
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