परेशानी. सड़क, स्वास्थ, शिक्षा, नाली-गली का अभाव
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मूलभूत सुविधाओं से दूर है इमामगंज गांव
परेशानी. सड़क, स्वास्थ, शिक्षा, नाली-गली का अभाव सड़क निर्माण के लिए ग्रामीणों ने किया था चक्का जाम वंशी (अरवल ) : दो जिला के सीमा पर बसा इमामगंज -जम्हारू गांव में आजादी के कई वर्ष बीतने के बाद भी सड़क, स्वास्थ, शिक्षा, नाली-गली, पेयजल, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर है. ग्रामीण सड़क निर्माण […]
सड़क निर्माण के लिए ग्रामीणों ने किया था चक्का जाम
वंशी (अरवल ) : दो जिला के सीमा पर बसा इमामगंज -जम्हारू गांव में आजादी के कई वर्ष बीतने के बाद भी सड़क, स्वास्थ, शिक्षा, नाली-गली, पेयजल, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर है. ग्रामीण सड़क निर्माण के लिए एनएच 110 अरवल -जहानाबाद मुख्य मार्ग को इमामगंज बाजार में घंटों चक्का जाम कर धरना प्रदर्शन किया था. उस समय स्थानीय जनप्रतिनिधि तथा वरीय अधिकारी के पहल पर सड़क जाम को हटाया गया. ग्रामीणों को आश्वासन मिला कि गांव में शीघ्र ही सड़क का निर्माण कार्य शुरू होगा, लेकिन वर्षों बीतने के बाद भी ग्रामीणों को सड़क समेत अन्य विकास से दूर रखा गया
पिछले वर्ष बरसात के दिनों में ग्रामीण गांव में चंदा कर तथा ग्रामीण अपने श्रम से मिट्टी तथा ईंट की भराई कर आवागमन को दुरुस्त किया. इमामगंज बाजार से आधा किलोमीटर की दूरी पर जमहारू गांव बसा है, जहां की आबादी 1000 से ऊपर है, जहां हिंदू तथा मुस्लमान दो समुदाय के लोग निवास करते हैं. पंचायत के पूर्व पंचायत समिति सदस्य के पति समाजसेवी मो अहमद खां ने बताया कि सड़क निर्माण के लिए ग्रामीण काफी प्रयास किया, लेकिन गांव में आज तक सड़क नहीं बनी.
इस कारण आज भी स्कूली बच्चों को आने जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पंचायत के भाजपाध्यक्ष मो कासिम खां, स्थानीय सांसद सह मंत्री राम कृपाल यादव तथा स्थानीय युवा विधायक जयवर्द्धन सिंह यादव से जम्हारू गांव में सड़क निर्माण तथा उच्च विद्यालय बेदौली में स्कूली बच्चों को शिक्षा दुरुस्त करने की लिखित आवेदन देकर मांग किया गया, लेकिन इस पर अभी तक किसी प्रकार की पहल नहीं हुई. जम्हारू गांव में उर्दू विद्यालय है,
जबकि चिकित्सा के लिए आज भी लोग ग्रामीण चिकित्सक पर निर्भर हैं. इमामगंज बाजार में लाखों रुपये के लागत से उपस्वास्थ केंद्र का मॉडल भवन बना लेकिन इस केंद्र में कभी चिकित्सक नहीं पहुंचे. आज भवन रखरखाव के अभाव में जर्जर हाल में है. स्थानीय लोगों में केंद्र का मॉडल भवन बनने के समय खुशी हुई थी कि अब ग्रामीण चिकित्सक से छुटकारा मिलेगा, लेकिन इस केंद्र के स्थापना के बाद कभी चिकित्सक नहीं पहुंचे. ग्रामीण चिकित्सक की मांग कई बार विभागीय पदाधिकरी से की,
लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिला वर्षों बीतने के बाद भी इस केंद्र पर आज तक चिकित्सक नहीं पहुंचे. गांव से 15 किलोमीटर की दूरी पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पालीगंज है. लंबी दूरी होने के कारण ग्रामीण आज भी इलाज के लिए इमामगंज बाजार में निजी चिकित्सक से करवाने को विवश हैं. स्थानीय पूर्व मुखिया महेश विश्वकर्मा, मो शफीक मियां, निजामुद्दीन खां, सुहैल खां, भाजपा नेता गुड्डु कुमार सिंह, श्री नाथ सिंह समेत अन्य लोगों ने सड़क निर्माण करने की मांग जिला प्रशासन से किया है.
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