करपी (अरवल) : जिले की सीमा पर स्थित बाबा भोलेनाथ की नगरी देवकुंड में सावन की अंतिम सोमवारी को श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. सुदूर क्षेत्रों से आकर श्रद्धालुओं ने भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की. बाबा की नगरी बोल बम का नारा है, बाबा एक सहारा है, चलो बुलावा आया है बाबा ने बुलाया है […]
करपी (अरवल) : जिले की सीमा पर स्थित बाबा भोलेनाथ की नगरी देवकुंड में सावन की अंतिम सोमवारी को श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. सुदूर क्षेत्रों से आकर श्रद्धालुओं ने भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की. बाबा की नगरी बोल बम का नारा है, बाबा एक सहारा है, चलो बुलावा आया है बाबा ने बुलाया है आदि नारों से गुंजायमान हो रहा था. वहीं शिवभक्त कांवरियाें ने पटना के गाय घाट से गंगा जल लेकर 110 किमी पैदल यात्रा करते हुए भगवान भोलेनाथ पर जलाभिषेक किया.
सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी दाउदनगर एसडीपीओ संजय कुमार सिन्हा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों ने संभाली थी. लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए चप्पे-चप्पे पर सादे लिबास में भी पुलिस कर्मियों की तैनाती की गयी थी. चोर-उचक्कों पर नजर रखने के लिए पूरे मंदिर परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाये गये थे. देवकुंड के पवित्र तालाब में स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं ने लाइन लगाकर भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की. वहीं महिलाओं की भी भक्ति देखते ही बन रहा थी. सब कुछ भूल कर श्रद्धालुओं ने भगवान भोलेनाथ की आराधना की.
अंतिम सोमवारी में उमड़ा जनसैलाब:कलेर अरवल. अंतिम सोमवारी को लेकर प्रखंड के विभिन्न शिवालयों में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा. ऐसे तो श्रद्धालुओं की भीड़ प्राय: सभी शिवालयों में रही लेकिन प्रखंड क्षेत्र के मधुश्रवां में सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं की संख्या रही. श्रद्धालु भगवान भोले शंकर के जय घोषों के साथ दूध , बेल-पत्र आदि चढ़ाये. स्थानीय नवयुवकों की टोली पटना के हल्दी छपरा से जल लाकर भगवान शिव पर चढ़ायें. आज के जलाभिषेक की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि रिकॉर्ड भीड़ के बावजूद भी किसी तरह की समस्या किसी को उत्पन्न नहीं हुई. स्थानीय प्रशासन के मुश्तैदी के बावजूद भी किसी को प्रशासन के सहयोग की आवश्यकता नहीं पड़ी . कुल मिला कर आज की सोमवारी को देखते हुए यही कहा जा सकता है कि जिले के लोगों का आज सावन की अंतिम दिन को लेकर श्रद्धा सबसे ज्यादा बनी रही.
शिवालयों में उमड़ी भीड़: करपी(अरवल). सावन की अंतिम सोमवारी के साथ -साथ पूर्णमासी होने के कारण करपी वंशी प्रखंड के शिवालयों के साथ- साथ अन्य देवी- देवताओं के मंदिरों में काफी भीड़ देखी गयी.
विभिन्न मंदिर परिसरों में ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से भक्ति गीत बज रहे थे. भद्रा होने के कारण 11 बजे से श्रद्धालुओं को पूजा -अर्चना करते देखा गया, तो शिवालयों में हर-हर महादेव गूंजता रहा.