आरा.
महिला संवाद महिलाओं की आकांक्षा और उनके विचारों को साझा करने का एक प्रभावी मंच बन गया है. यह मंच महिलाओं को अपने आसपास की समस्याओं से संबंधित सामाजिक मुद्दों पर खुलकर चर्चा करने का अवसर प्रदान करता है. महिला संवाद के माध्यम से महिलाएं अपने अधिकारों एवं सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं के प्रति जागरूक हो रही हैं और एक-दूसरे को प्रेरित कर रही हैं. महिला सशक्तीकरण की दिशा में चलायी गयी योजनाओं का लाभ लेकर महिलाएं अपना अनुभव साझा कर रही हैं और संवाद में अन्य महिलाओं को यह बता रही हैं की किस प्रकार से अपनी बेटियों को 12वीं , स्नातक एवं इंजीनियरिंग की पढ़ाई, सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण हेतु चलाये जा रहे विभिन्न योजनाओं की मदद से पूरी करायी हैं. वहीं छात्राओं ने पोशाक योजना एवं साइकिल योजना से मिले लाभ के बारे में बताया जिससे अन्य छात्राएं भी अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए प्रोत्साहित होंगी. महिला संवाद कार्यक्रम के दौरान विभिन्न प्रकार की आकांक्षाएं प्राप्त हो रही है. इसमें अधिकांश आकांक्षाएं उनकी मुलभूत सुविधाओं से लेकर सामुदायिक स्तर पर सेवाओं के विस्तार तक है. इसके अलावा राज्य के विकास में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने हेतु नीतिगत मसलों पर भी वे अपने विचार रख रही हैं. रविवार को भोजपुर जिले के 12 प्रखंडों में दोनों पाली मिलाकर 24 ग्राम सगठनों में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया.इन कार्यक्रमों में जहाँ चरपोखरी प्रखंड के पसौर पंचायत अंतर्गत सहसपुर गाँव की पशुपालक महिलाओं ने 200 पशुओं के लिए पशु शेड की मांग की है. वहीँ तरारी प्रखंड के शंकर डीह पंचायत के अंतर्गत सारा गांव की महिलाओं ने जीविका बैंक बनाने की आवश्यकता को अपनी आकांक्षाओं में शामिल किया है जिससे वो अपने गांव में ही पैसा जमा-निकासी कर पाए एवं दूर नहीं जाना पड़े. उसी प्रकार सहार प्रखंड के अंधारी पंचायत की महिलाओं ने बताया की वहां के मध्य विद्यालय में शौचालय की सुविधा नहीं है. अतः यहां पर लड़कों और लड़कियों के लिए अलग अलग शौचालय निर्माण की आवश्यकता है. वहीं पीरो प्रखंड के अमई पंचायत अंतर्गत बसमनपुर गांव की महिलाओं ने बच्चों की पढाई के लिए पुस्तकालय, सिलाई प्रशिक्षण केंद्र व गांव में ही इलाज के लिए स्वास्थ्य उपकेन्द्र की मांग को अपनी आकांक्षाओं में शामिल किया है. महिलाएं आम तौर पर गांव में सोलर स्ट्रीट लैम्प की व्यवस्था, नली एवं जल निकासी की समस्या का समाधान, नल-जल और सड़कों की मरम्मत, सामुदायिक भवन, सामुदायिक पुस्तकालय, सरकारी विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की व्यवस्था, रोजगार के स्थानीय अवसर, वृद्धा एवं विकलांग पेंशन में बढ़ोतरी आदि से संबंधित मुद्दे पर सरकार से अपनी आकांक्षाएं रख रही हैं. महिला संवाद कार्यक्रमों में दहेज प्रथा और बाल विवाह की रोकथाम के लिए सामूहिक शपथ भी दिलाई जा रही है, साथ ही साथ नशा मुक्त समाज के निर्माण और घरेलू हिंसा की रोकथाम के प्रति संकल्प भी लिया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

