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Bhojpuri News : नगर में सफाई व्यवस्था की बदहाल स्थिति से नगरवासी परेशान

आरा नगर में सफाई व्यवस्था की स्थिति बेहद दयनीय है. नगर की सड़कों पर कचरे का अंबार लगा हुआ है और सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है.

आरा. आरा नगर में सफाई व्यवस्था की स्थिति बेहद दयनीय है. नगर की सड़कों पर कचरे का अंबार लगा हुआ है और सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है. निगम प्रशासन इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है. नगरवासी अपने भाग्य पर छोड़ दिये गये हैं और इस पर गहरी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं. नगरवासियों का कहना है कि सफाई के लिए पर्याप्त राशि खर्च की जाती है, लेकिन सफाई सही ढंग से नहीं होती. सवाल यह उठता है कि सफाई के पैसे कहां जा रहे हैं. सफाई कर्मचारी मनमानी ढंग से सड़कों की सफाई करते हैं और कई स्थानों पर कचरा उठाए बिना छोड़ देते हैं. इससे गंदगी फैलती रहती है और सड़कों पर कचरे का अंबार लग जाता है. सफाई की निगरानी करने वाले सफाई दारोगा भी कहीं दिखाई नहीं देते. नगरवासियों ने प्रशासन से अपील की है कि वे तत्काल सफाई व्यवस्था को सुधारें और कचरे के उचित निस्तारण की व्यवस्था सुनिश्चित करें. वहीं, निगम अधिकारियों की जिम्मेदारी बनती है कि वे सफाई कर्मियों और दारोगाओं की कार्यशैली की कड़ी निगरानी करें ताकि नगरवासियों को स्वच्छ और स्वास्थ्यकर वातावरण मिल सके.

मुहल्ले में भी नहीं की जा रही है सफाई

मुहल्ले में भी नियमित सफाई नहीं की जा रही है. 15 दोनों पर महज एक दिन सफाई की जाती है, जबकि सफाई प्रतिदिन करनी है. ऐसा नहीं होने से मुहल्लों की गलियों में गंदगी का अंबार लगा रहता है. इतना ही नहीं सफाई कर्मी विशेष कारणों से एक ही मुहल्ले में कुछ गलियों की सफाई करते हैं तो कुछ गलियों की सफाई नहीं करते हैं. इससे लोगों को काफी परेशानी होती है. टैक्स चुकाने के बाद भी उन्हें सुविधा नहीं मिलती है.

नालियों की नहीं होती है नियमित सफाई

नगर की मुख्य नालियों सहित मोहालों की नालियों की भी नियमित सफाई नहीं होती है. नालियों में गंदा पानी जमा रहता है. इससे काफी संख्या में मच्छर पैदा होते हैं फिलहाल हालात यह है कि मच्छरों के कारण घर में रहना मुश्किल हो रहा है इसमें कई विषाणुयुक्त मच्छर भी हैं. कई बार नालियां ओवरफ्लो कर जाती हैं. इससे पानी सड़कों पर बहने लगता है. नालियों के पानी के सड़कों पर बहने के कारण आवागमन में तो परेशानी होती ही है. सड़के भी टूट जाती हैं, जिन्हें मरम्मत करने में लाखों रुपये अनावश्यक खर्च के किए जाते हैं. यदि नगर निगम द्वारा नालियों की सफाई नियमित की जाती तो सड़कों पर नालियों का पानी नहीं बहता.इससे सड़कों की स्थिति ठीक रहती.सड़कों की मरम्मत में एनम उससे पैसे नहीं खर्च करने पड़ते.

10 अरब 52 करोड़ का है नगर के विकास का बजट

नगर के विकास के लिए 10 अरब 52 करोड़ का बजट बनाया जाता है. निगम बोर्ड की सभी बैठकों में आउट फॉल नालों के साथ अन्य नालों की सफाई व सड़कों की सफाई की योजना बनाई जाती है.इसके लिए प्रस्ताव पारित किया जाता है. पर धरातल परिस्थिति ज्यों की त्यों रहती है.बैठकों की बातें बैठकों की फाइलों में ही सिमट कर रह जाती है. इनका क्रियान्वयन धरातल पर नहीं हो पाता है. इस कारण सफाई व्यवस्था में नगर फिसड्डी साबित हो रहा है.

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