आरा.
लोक आस्था व सूर्योपासना के महान पर्व का चार दिवसीय छठ अनुष्ठान के पहले दिन नहाय- खाय के साथ छठ व्रती व्रत की शुरुआत करेंगी. इसे लेकर व्रतियों ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. घरों की सफाई कर ली गयी है. वहीं इस दिन उपयोग किये जाने वाले सामान की खरीदारी के लिए बाजारों में भीड़ लगी हुई है. सभी मुहल्लों में छठ व्रतियों द्वारा किये जा रहे सफाई से आध्यात्मिक माहौल देखने को मिल रहा है. सफाई के दौरान पूरी तरह घर को पानी से धोया गया, ताकि किसी तरह की अशुद्धि नहीं रह जाये. छठ पर्व की पहचान शुद्धता को लेकर भी है. घरों की पूरी तरह सफाई व शुद्ध करने के बाद व्रतियों द्वारा कद्दू, चावल व दाल का प्रसाद बनाया जायेगा. वहीं, आस-पड़ोस के लोगों को व सगे संबंधियों को भी प्रसाद खिलाया जायेगा.पवित्र जलाशयों में व्रती करेंगे स्नाननहाय-खाय के दिन छठ व्रतियों द्वारा तालाबों व जलाशयों में स्नान किया जायेगा. इसे लेकर अहले सुबह से ही गंगा नदी, सोन नदी, तालाबों व नहरों के किनारे छठ व्रतियों की भीड़ इकट्ठा होने लगेगी. बाजारों में खरीदारी के लिए उमड़ रही थी भीड़ छठ व्रत में पूजा के लिए उपयोग किये जाने वाले नारियल, ईख, कद्दू ,गागल सहित अन्य पूजा सामग्रियों की खरीदारी के लिए बाजारों में खरीदारों की भीड़ उमड़ रही है. वहीं, इन सामान की दुकानें भी काफी आकर्षक ढंग से सजी हैं. मुख्य बाजारों से लेकर मुहल्ले की गलियों तक में पूजा सामग्रियों की दुकानें सजी हैं. दुकानों पर श्रद्धालु सुबह से देर शाम तक खरीदारी करते रहे. कल होगा खरनाचार दिवसीय छठ व्रत के अनुष्ठान के दूसरे दिन खरना संपन्न होगा. रविवार को व्रतियों द्वारा खरना किया जायेगा. खरना के दिन से उपवास शुरू होता है. व्रत करनेवाली महिला 12 घंटे का निर्जला उपवास करती हैं. शाम के वक्त छठी माता को खीर और रोटी से बना प्रसाद चढ़ाया जाता है. साथ ही तमाम मौसमी फल छठी मइया को अर्पित किये जाते हैं. इसके बाद खीर व रोटी के प्रसाद से महिलाएं व्रत तोड़ती हैं. सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन ने जारी किये निर्देशसुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन ने निर्देश जारी किया है. निर्देश में कहा गया है कि छठ व्रत के लिए नाव का प्रयोग नहीं करें. छठ घाटों व संपर्क पथों पर पटाखों का प्रयोग नहीं करें. छठ व्रत के दौरान तैराकी नहीं करें. पानी की गहराई को देखते हुए प्रशासन द्वारा बैरिकेडिंग की गयी है. बैरिकेडिंग से आगे नहीं जाएं. सुरक्षा जांच में सहयोग करें. किसी भी लावारिस वस्तु को पाए जाने पर प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, थानाध्यक्ष या कंट्रोल रूम को इसकी सूचना दें. इसे छुए नहीं. बच्चों का हाथ नहीं छोड़ें. छठ घाट से लौटते समय कतार बद्ध होकर लौटे.
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