आरा. मुखिया संघ बिहार के निर्देशानुसार हर जिले में प्रेस कॉन्फ्रेंस होना निश्चित हुआ था. विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बिहार दौरे पर 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस के अवसर पर आ रहे हैं. उसी को देखते हुए भोजपुर मुखिया संघ के अध्यक्ष हरेंद्र प्रसाद यादव की अध्यक्षता में एक बैठक की गयी. जिसमें उपाध्यक्ष मनोज कुमार यादव, मुकेश प्रसाद, उमेश कुमार सिंह,कोषाध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह, सहार प्रखंड अध्यक्ष रामसुभग सिंह, बड़हरा प्रखंड अध्यक्ष रितेश कुमार सिंह मौजूद रहे. अध्यक्ष हरेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि बिहार सरकार एवं केंद्र सरकार की नीतियों के चलते ग्राम पंचायतों की बदतर स्थिति है. 2014 में बिहार की स्थिति पांचवां स्थान था. आज राष्ट्रीय स्तर पर बिहार 18वें स्थान पर है. क्योंकि राज्य सरकार ग्राम पंचायतों के अधिकार में कटौती के चलते हुआ है. प्रधानमंत्री के दौरा के पहले सरकार कोई ठोस निर्णय नहीं लेती है, तो हमलोग 24 अप्रैल को काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे. साथ ही इस बीच प्रदेश मुखिया संघ का जो निर्णय होगा, उसका हमलोग पालन करेंगे. उपाध्यक्ष मनोज कुमार यादव ने कहा कि सरकार ग्राम पंचायतों को रुपया तो देती है लेकिन अपने हिसाब से वेंडर तय कर लेती है और जबरदस्ती रुपया डलवा लेती है. जैसे सोलर लाइट सरकार देती है और उसका भुगतान ग्राम पंचायत को करना पड़ता है. उन्होंने जनप्रतिनिधियों के पेंशन की बात को भी उठाया. कोषाध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि 73वें संविधान संशोधन में लागू पावर की बात की. उन्होंने मांग की कि हमलोगों के जो पावर में कटौती की गयी है, उसको पुनः बहाल किया जाये. उमेश कुमार सिंह ने कहा कि सरकार बात नहीं मानी तो हमलोग 24 अप्रैल को जबरदस्त विरोध करेंगे. सहार प्रखंड अध्यक्ष रामसुभग सिंह ने कहा कि अफसरशाही चरम सीमा पर है. अगर हमलोग की बात पर सरकार में बैठे नेता ध्यान नहीं देंगे तो आने वाला समय सरकार के लिए अच्छा नहीं होगा. बड़हरा प्रखंड के अध्यक्ष रितेश कुमार सिंह ने कहा कि जिस तरह से ग्राम पंचायतों को बर्बाद किया गया है. अधिकार की कटौती कर बहुत ही निंदनीय है.
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