आरा.
लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज के 2025 चातुर्मास व्रत के लिए पंडाल बनाने का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है. चातुर्मास व्रत के लिए प्रवचन पंडाल, स्वामी जी की कुटिया एवं संत महात्मा के लिए विश्राम गृह एवं अन्य जरूरी पंडाल निर्माण के कार्य लगभग अंतिम चरण में है. चातुर्मास व्रत 12 जून से सात अक्टूबर तक प्रस्तावित है. चातुर्मास के अंतिम चरण में श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ का आयोजन दो अक्टूबर से सात अक्टूबर तक होगा. चातुर्मास स्थल पर पंडाल एवं अन्य कार्य की शुरुआत लगभग पिछले दो महीनाें से ज्यादा समय से चल रहा है, जिसमें यज्ञ स्थल क्षेत्र का चारों तरफ से सीमांकन का कार्य एवं जल के लिए सभी प्रकार के काम काफी तेज गति से चल रहा है.स्वामी जी के मार्गदर्शन में चातुर्मास स्थल पर कथा पंडाल, प्रसाद के लिए जगह का चयन एवं अन्य प्रकार के जरूरी कार्य निरंतर चल रहा है. 12 जून से शुरू होनेवाले चातुर्मास व्रत में हर दिन सुबह में आरती का दर्शन लाभ एवं शाम के समय में श्रीमद्भागवत कथा का रसपान स्वामी जी के द्वारा प्राप्त होगा, जिसको लेकर परमानपुर सहित आसपास के सभी गांव में भक्तिमय माहौल अभी से ही बना हुआ है. एक ही स्थान पर चार महीने कथा श्रवण का लाभ मिलेगा. रोहतास, भोजपुर, बक्सर जिले के तमाम भक्तों के साथ बिहार के सभी भक्तों को भी कथा श्रवण एवं दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त बिहार की धरती पर छह वर्षों के बाद मिलने वाला है, जिससे बिहार में चातुर्मास व्रत यज्ञ को लेकर भक्तों में काफी उत्साह है. परमानपुर के सेवानिवृत्ति शिक्षक श्री छोटेलाल तिवारी की अध्यक्षता में चातुर्मास व्रत की तैयारी चल रही हैं. जब से चातुर्मास कार्य की शुरुआत हुई है, तब से वे लगातार यज्ञ स्थल पर भगवान के नाम का स्मरण करते हुए निरंतर रात दिन यज्ञ की तैयारी में लगे हुए हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

