आरा. लगभग 50 लाख रुपये की लागत से बरसात शुरू होने के ठीक पहले पुरानी पुलिस लाइन से चंदवा मोड़ तक सड़क का पिचिंग कार्य किया गया था, लेकिन निर्माण के महज 10 दिनों में ही सड़क की हालत इतनी खराब हो गयी कि चलना मुश्किल हो गया है. सड़क पहले से भी अधिक खस्ताहाल हो चुकी है. हालात ऐसे हैं कि बरसात के दौरान और अभी सड़क पर पानी भरे रहने के कारण ऑटो और दोपहिया वाहन अक्सर पलटने के कगार पर रहते हैं, लेकिन इसका मरम्मत कार्य नहीं कराया जा रहा है. यह समस्या विशेष रूप से गिरजा मोड़ के पास देखने को मिल रही है. सड़क के दोनों किनारों पर झोंपड़ी वाले लगातार पानी सड़क पर डालते हैं, जिससे सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है. कई जगह खतरनाक गड्ढे बन गये हैं. वाहनों का चलना और पैदल यात्रियों का गुजरना भी मुश्किल हो गया है. गड्ढों में लगातार पानी भरा रहता है. सड़क की यह स्थिति विभाग की लापरवाही और भ्रष्टाचार की संस्कृति को उजागर करती है. आश्चर्य की बात यह है कि सड़कों का निर्माण बरसात में क्यों कराया जाता है और इसके पीछे क्या निहितार्थ है. नगर की अधिकांश सड़कों की स्थिति इतनी खराब हो गयी है कि सड़कों और गड्ढों में अंतर करना मुश्किल हो गया है. सड़कें विकास का महत्वपूर्ण आधार हैं, जो यातायात सुगम बनाने और विभिन्न कार्यों में सुविधा प्रदान करती हैं. हालांकि सरकार सड़क निर्माण को महत्व दे रही है, लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारी, कर्मचारी और ठेकेदार मिलकर सरकार के उद्देश्यों और लोगों की सुविधा पर पानी फेर रहे हैं. परिणामस्वरूप, जनता को दैनिक यातायात और सुरक्षा में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.
अभियंताओं का नहीं होता है निरीक्षण
सड़कों के निर्माण में निर्माण स्थल पर अभियंताओं का निरीक्षण नहीं होता है. विभाग के कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचते हैं. बस मजदूर एवं मिस्त्री ही सड़क का निर्माण करते हैं.ऐसे में सड़कों का समतलीकरण सही नहीं होता है. सड़कें ऊंची-नीची, टेढ़ी-मेढ़ी बनती हैं. इससे लोगों को वांछित सुविधा नहीं मिल पाती है.
सड़क की चौड़ाई में की जाती है गड़बड़ी
अनियमितता का आलम यह है कि सड़क निर्माण के दौरान निर्धारित चौड़ाई में गड़बड़ी की जाती है. प्राक्कलन के अनुसार निर्धारित चौड़ाई में आधा से एक फुट की कमी कर दी जाती है. इस तरह जमकर लूट-खसोट मचायी जाती है. इस कारण सड़कों की स्थिति ठीक नहीं रहती है. वाहनों के संचालन में काफी कठिनाई होती है.
आरा नगर में हैं कुल 33 सड़कें
आरा नगर में कुल 33 सड़कें हैं, पर सड़कों की स्थिति काफी खराब है. मुख्यालय में जब सड़कें टूटी-फूटी हैं तो अन्य जगहों की स्थिति क्या है इसे समझा जा सकता है.
नहीं किया जाता है मेंटेनेंस के नियम का पालन
सरकार ने लगभग 15 वर्ष पहले किसी भी सड़क के निर्माण को लेकर ठेकेदार द्वारा ही पांच वर्ष तक उस सड़क का मेंटेन करते रहने का नियम बनाया था. प्राक्कलन के समय ही उस राशि को भी शामिल कर दिया जाता है. हालात यह है कि पांच वर्ष की बात कौन करे, ठेकेदार द्वारा निर्माण के बाद एक वर्ष भी सड़कों का मेंटेनेंस नहीं किया जाता है. इससे सड़कें टूट जाती हैं. आवागमन में लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है.
चंदवा मोड़ से स्टेशन रोड की सड़क गड्ढों में तब्दील
यही हाल चंदवा मोड़ से स्टेशन रोड की सड़क का है, जगह-जगह गड्ढे बने हुए हैं. वाहनों का चलना मुश्किल हो रहा है. कई बार वाहन पलटी भी मार देते हैं. इससे खतरा उत्पन्न हो जाता है. बाइक चालकों को और भी परेशानी होती है. वहीं पैदल यात्रियों को भी परेशानी होती है. इस पर विभाग की लापरवाही साफ दिखाई देती है.
सड़क पर पानी बहाने वालों पर नहीं होती है कार्रवाई
सड़क पर पानी बहाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है, जबकि संबंधित विभाग को सड़क पर पानी बहाने वाले व्यक्ति के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का प्रावधान है.
इन सड़कों की स्थिति है खराब
कृषि भवन के सामने, गिरिजा मोड़ के पास, स्टेशन के पास, पूर्वी गुमटी के पास, बाजार समिति के पास, चंदवा मोड़ से न्यू पुलिस लाइन, बाजार समिति सहित शहर की लगभग 90 प्रतिशत सड़कों का यही हाल है. सड़कें गड्ढे में तब्दील हो चुके हैं.
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