आरा. कृषि भवन के सभागार में एपीडा, पटना एवं आत्मा, भोजपुर के संयुक्त तत्वावधान में कृषि एवं प्रसंस्कृत उत्पादों के निर्यात विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन जिला कृषि पदाधिकारी डॉ नीरज कुमार ने किया और उन्होंने जिले में संचालित विभिन्न कृषि प्रशिक्षण कार्यक्रमों, भारत सरकार एवं बिहार सरकार की प्रमुख योजनाओं, पॉली हाउस के माध्यम से सब्जी उत्पादन, बीज शोधन की विधि, रबी मौसम की प्रमुख फसलों में लगने वाले कीट रोगों के प्रबंधन के संबंध में विस्तृत जानकारी दी. इसके अलावा डॉ. नीरज कुमार ने कृषि उत्पादों के विपणन पर भी विस्तार से प्रकाश डाला. कार्यशाला के मुख्य वक्ता देवानंद त्रिपाठी, सहायक प्रबंधक, एपीडा, पटना रहे. उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि किसान अपने कृषि उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक कैसे पहुंचा सकते हैं. उन्होंने एपीडा पंजीकरण, मानकीकृत पैकेजिंग, गुणवत्ता मानक, आवश्यक दस्तावेज और निर्यात से जुड़ी विभिन्न प्रक्रियाओं की विस्तृत जानकारी साझा की. उदाहरणों के माध्यम से यह स्पष्ट किया गया कि छोटे स्तर पर उत्पादन करने वाले किसान भी निर्यात कर सकते हैं, बशर्ते वे उत्पादन, गुणवत्ता नियंत्रण और निर्यात प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित ढंग से अपनाएं. उन्होंने किसानों से एफपीओ एवं समूहबद्ध होकर कार्य करने, गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने, निर्यात-योग्य किस्मों का चयन करने तथा उचित पैकेजिंग एवं पैकहाउस व्यवस्था सुनिश्चित करने का आग्रह किया. इसके साथ ही निर्यातक कंपनियों, प्रोसेसरों और आपूर्ति शृंखला से जुड़ने की आवश्यकता पर भी जोर दिया. जिला उद्यान पदाधिकारी निरंजन कुमार ने बांका जिले के किसानों द्वारा आम के विदेशों में निर्यात से संबंधित अपने अनुभव साझा किये और किसानों को निर्यात-उन्मुख उत्पादन के लिए प्रेरित किया. कार्यशाला में एफपीओ, किसान-व्यापारी, मत्स्य विभाग, कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), लीड बैंक, डीडीएम नाबार्ड, सहायक निदेशक (शष्य) प्रक्षेत्र, उप निदेशक कृषि अभियंत्रण, उद्योग प्रसार पदाधिकारी, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी आरा सदर, पीरो एवं जगदीशपुर, जिला मत्स्य पदाधिकारी और कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक उपस्थित थे. उन्होंने एफपीओ एवं व्यापारियों के लिए निर्यात तैयारी एवं संवेदीकरण के महत्व पर प्रकाश डाला. प्रतिभागी किसानों ने अपने अनुभव साझा किये और विपणन संबंधी वर्तमान चुनौतियों को रेखांकित किया. किसानों ने कहा कि निरंतर निर्यात-उन्मुख तकनीकी एवं विपणन मार्गदर्शन मिलने पर वे भोजपुर जिले को कृषि निर्यात में सफल बना सकते हैं. कार्यक्रम में विभिन्न प्रखंडों से प्रगतिशील कृषकों ने भाग लिया. कार्यक्रम का संचालन विनय कुमार, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक ने किया और धन्यवाद ज्ञापन राणा राजीव रंजन, उप परियोजना निदेशक, आत्मा ने किया.
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