गड़हनी.
एनएच-119 ए आरा-सासाराम फोरलेन परियोजना में भूमि अधिग्रहण को लेकर रैयत किसानों को राशि भुगतान के लिए चार राजस्व ग्राम गड़हनी, पड़रिया, धंधौली व काउप के लिए नगर पंचायत भवन गड़हनी में मंगलवार को शिविर लगाना था, लेकिन 12 बजे तक कोई अंचल से कर्मी व अधिकारी नहीं पहुंचे, जिसके चलते कई किसान आक्रोशित होकर घर लौट गये. वहीं 12 बजे के बाद सिर्फ कर्मचारी जितेंद्र कुमार व एक अन्य शिविर में पहुंचे, तबतक सभी किसान लौट चुके थे. मात्र दो-चार किसान ही शिविर में कागजात दिखाने को लेकर जमीन पर बैठे रहे. नगर पंचायत सरकार भवन में तीन राजस्व ग्राम का शिविर था, जिसमें तीनों राजस्व कर्मचारियों को रहना जरूरी था, लेकिन नहीं उपस्थित थे. वहीं राजस्व अधिकारी भी नहीं पहुंच सकी, जिससे किसानों को कागजात में त्रुटि को समझाया जा सके. शिविर में किसानों को बैठने का कोई व्यवस्था नहीं थी. किसान जमीन पर धूल में बैठे थे. किसान राहुल श्रीवास्तव, शिवम पांडेय ने कहा कि हमलोग 10: 30 बजे से नगर पंचायत भवन पर पहुंचे थे. 12 बजे तक शिविर में कोई अंचल से नहीं आया, तो मायूस थे. अंत में अधिकारी को फोन करने के बाद दो राजस्व कर्मचारी आये, लेकिन कर्मचारी को रहने से कोई फायदा किसानों को नहीं था. क्योंकि कर्मचारी किसानों को समझाने में नाकाम रहे. किसान बहुत आक्रोशित थे और अधिकारियों को कोष रहे थे. किसानों को राशि भुगतान को लेकर जिलाधिकारी के आदेश पर जिला भू अर्जन से शिविर लगाने का पत्र निर्गत हुआ था, लेकिन शिविर में सिर्फ कोरम पूरा किया जा रहा है. जिस किसान के कागज में कोई त्रुटि है उसका सुधार भी नहीं हो रहा है. नगर पंचायत गड़हनी में चार मौजा को लेकर 22 से 26 अप्रैल व 28 से 30 अप्रैल को करनौल पंचायत सरकार भवन में करनौल, चांदी व बहरी मौजा को लेकर शिविर लगाया जाना है. गड़हनी प्रखंड में अभी सैकड़ों किसान का कागज में त्रुटि है, जिसको ले अंचल के चक्कर लगा रहे हैं. त्रुटि सुधारने को ले जब शिविर लगाया जा रहा है उसमें कोई अधिकारी नहीं पहुंचने से किसानों को कोई फायदा नहीं हुआ है सिर्फ कोरम पूरा किया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है