आरा.
नगर की अति व्यस्त सड़क पर बड़ी मठिया के पास लगे भयंकर जाम से लोगों को काफी परेशानी हुई. जाम के कारण लोग घंटों परेशान होते रहे. नगर में प्रतिदिन किसी न किसी सड़क पर जाम की स्थिति बनी रह रही है. जाम के प्रमुख कारणों में नगर में सड़कों के किनारे अतिक्रमण को लोग मान रहे हैं. नगर की लगभग सभी प्रमुख सड़कों पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है. कहने को तो प्रशासन व नगर निगम प्रतिवर्ष दिखावे के लिए अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध अभियान चलाकर लोगों की परेशानी पर झूठ का मरहम पट्टी लगाता है, पर बेखौफ अतिक्रमणकारियों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. अतिक्रमण से सिकुड़ी सड़कें जाम की समस्या से कराहते रहती हैं. नगरवासी प्रशासन की इस समस्या से रूबरू होने के लिए लगता है स्थायी तौर पर अभिशप्त हो चुके हैं. हालांकि इस समस्या से कई बार प्रशासन की गाड़ियां भी रूबरू होती हैं. वहीं, लोगों की भी मानसिकता इस तरह बन चुकी है कि किसी भी सूरत में अपनी जमीन से थोड़ा भी अधिक अतिक्रमण कर निर्माण करना जरूरी समझते हैं, जब निजी स्कूलों की छुट्टी होती है व उनकी बसें सड़कों पर दौड़ने लगती है, तब जाम में फंस कर बच्चे काफी परेशान होते हैं.अतिक्रमण विरोधी अभियान के तुरंत बाद जम जाते हैं दुकानदारनगर निगम व प्रशासन के द्वारा लाठी-डंडा भांज कर जाम हटाने का समय-समय पर प्रयास किया जाता है, लेकिन यह प्रयास स्थायी नहीं रह पाता है. अतिक्रमण हटाओ अभियान के महज कुछ घंटे बाद ही पुन: वहीं दृश्य दिखाई पड़ने लगता है. हालांकि पटना उच्च न्यायालय ने कई वर्ष पूर्व अतिक्रमण पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया था कि जिस थाना क्षेत्र में अतिक्रमण की स्थिति बने उस थाना के थानाध्यक्ष पर कार्रवाई करें, पर इस आदेश को रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया है. खानापूर्ति के लिए किए जानेवाले अतिक्रमण विरोधी अभियान के बाद जमे दुकानदारों पर कार्रवाई नहीं होने से उनका मनोबल बड़ा रहता है व उनके द्वारा सड़कों का फिर से अतिक्रमण किया जाता है. जाम लगने के क्या है प्रमुख कारणजाम लगने के प्रमुख कारण नगर निगम की मुख्य सड़कों का चौड़ीकरण नहीं किया जाना, गाड़ियों की लगातार बढ़ रही संख्या, खुदरा विक्रेताओं, ठेला दुकानदारों द्वारा सड़कों को अतिक्रमित किया जाना, सड़क पर डिवाइडर की व्यवस्था नहीं होना, पार्किंग की ठोस व्यवस्था का नहीं होना, शहर के अंदर भारी वाहनों और चार पहिया वाहनों के प्रवेश के कारण बेहतर ट्रैफिक व्यवस्था का नहीं होना, बढ़ती जनसंख्या, दुकानदारों द्वारा सड़क का अतिक्रमण कर लेने व जगह-जगह टेंपो का अघोषित पड़ाव बना लेना. इस कारण यहां हर समय जाम की समस्या बनी रहती है. अतिक्रमण व जाम से निजात के लिए करने होंगे कई उपायअतिक्रमण व जाम से निजात के लिए प्रशासन को कई तरह के उपाय करने होंगे.इसे लेकर मास्टर प्लान के तहत फ्लाई ओवर का निर्माण हो तो जाम से छूटकारा मिल सकता है.शहर के महत्वपूर्ण सड़कों को चौड़ीकरण करना, वाहनों के प्रवेश और निकास के रास्ते को तय करना, शहर की कई सड़कों पर वन वे व्यवस्था की जरूरत ,खुदरा और फुटपाथी दुकानदारों के लिए अलग जगह तय करना, सड़क पर डिवाइडर सहित सभी महत्वपूर्ण जगहों पर ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था करना, पार्किंग की व्यवस्था को सुदढ़ करने की जरूरत.मास्टर प्लान के तहत शहर की व्यवस्था को दुरुस्त करना. सड़कों की जमीन की हुई थी नापी ,परिणाम रहा शून्य अतिक्रमण को लेकर तत्कालीन जिलाधिकारी संजीव कुमार ने नगर की संपूर्ण सड़कों की नापी करायी थी. तब लगा था कि अब सड़कों की चौड़ाई बढ़ेगी. सड़कें साफ-सुथरी होंगी व अतिक्रमण बीते दिनों की बात होगी, पर जिस आनन-फानन में सड़कों की मापी करायी गयी. परिणाम उतना ही गड़बड़ रहा. सड़कों का अतिक्रमण यथावत बना रहा. मापी का कोई लाभ नहीं हुआ. लुंज- पुंज प्रशासनिक व्यवस्था के कारण अतिक्रमणकारियों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा. नगर के इन स्थानों पर किया गया है सबसे अधिक अतिक्रमणनगर में वैसे तो हर जगह अतिक्रमण किया गया है, पर महावीर टोला, सब्जी गोला, शिवगंज, जेल रोड, बिचली रोड, महादेवा, बाबू बाजार, स्टेशन रोड, गोपाली चौक, धरमन चौक, शीश महल चौक, चित्र टोली रोड, चौधरीआना आदि स्थानों पर अतिक्रमण से जनजीवन लगातार परेशान रहता है.
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