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दाखिल-खारिज और परिमार्जन में मनमानी, ऑनलाइन कागज देने के बाद भी दोबारा मांग, लोग हो रहे परेशान

Bihar Bhumi: आरा में दाखिल-खारिज और परिमार्जन से जुड़े मामलों में अंचलाधिकारियों और राजस्व कर्मियों की मनमानी लगातार बढ़ती जा रही है. नियमों की अनदेखी और भ्रष्टाचार के कारण लोगों के काम महीनों तक अटक रहे हैं. इससे जनता परेशान है.

Bihar Bhumi: आरा में दाखिल खारिज और परिमार्जन के मामले में अंचलाधिकारियों (CO) और राजस्व कर्मचारियों की मनमानी चरम पर है. इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है. परिमार्जन और दाखिल खारिज के मामले में बिना रिश्वत के काम नहीं किया जा रहा है. लोग कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं पर उनके काम नहीं हो पा रहे हैं.

फुस्स साबित हो रही डीएम की समीक्षा

एक तरफ सरकार राजस्व महकमों में मौजूद गड़बड़ी को ठीक करने के लिए प्रयास कर रही है. अभी सरकार के गठन के पहले डीएम तनय सुल्तानिया लगातार प्रयास कर रहे हैं. लगभग 15 दिनों पर समीक्षा कर रहे थे, पर इसका असर ना तो अंचलाधिकारियों और ना ही राजस्व कर्मचारियों पर पड़ रहा था. जिलाधिकारी की समीक्षा फुस्स साबित हो रही थी.

35 दिन एवं 75 दिन का है मामला

सरकार ने निर्देश दिया है कि दाखिल खारिज और परिमार्जन से संबंधित मामले को 35 दिनों के अंदर या फिर अंतिम रूप से 75 दिनों के अंदर सॉल्व करना है, ताकि लोगों को सुविधा हो सके, पर ऐसा नहीं किया जा रहा है.

गलत आंकड़े प्रस्तुत कर रहे हैं अंचलाधिकारी और राजस्व कर्मचारी

डीएम की समीक्षा के दौरान अंचल अधिकारियों और राजस्व कर्मचारियों द्वारा परिमार्जन और किसी अधिकारी की कार्रवाई का भय नहीं हो रहा है. ऐसे में समीक्षा का कोई अर्थ नहीं रह जाता है. लोगों की परेशानी दूर होने की जगह बढ़ते ही जा रही है.

नहीं की गयी कोई कार्रवाई

75 दिनों के बाद भी अंचलाधिकारियों एवं राजस्व कर्मचारियों द्वारा दाखिल खारिज एवं परिमार्जन के मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. इसकी जानकारी जिलाधिकारी को भी नहीं दी जाती है. ऐसे में लोगों के बीच यह चर्चा का विषय बना हुआ है. जिलाधिकारी के समीक्षा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.

राजस्व वसूली पर पड़ रहा है बड़ा असर

राजस्व वसूली पर भी बुरा असर पड़ रहा है. आरा में हजारों आवेदन दाखिल खारिज एवं परिमार्जन को लेकर ठंडे बस्ते में डाल दिये गये हैं. उन्हें लटका कर रखा गया है. इस कारण लोग राजस्व रसीद नहीं कटा पा रहे हैं. ऐसे में लाखों रुपये प्रतिमाह जो सरकार को मिल सकते थे, वह नहीं मिल पा रहे हैं. इससे सरकार को काफी नुकसान हो रहा है.

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आवेदन किया जा रहा है वापस

सरकार की कड़ाई और निर्देश के बाद दाखिल खारिज और परिमार्जन प्लस के मामलों को तय सीमा के बाद आवेदक के मेल पर वापस कर गलत टिप्पणी की जा रही है. आवेदन में सभी जरूरी कागजात ऑनलाइन करने के बाद भी वही कागजात जमा करने को कहा जा रहा है.

जब वही कागजात फिर से जमा करना है तो पूर्व से जमा किए गए कागजात पर परिमार्जन प्लस या दाखिल खारिज क्यों नहीं किया जा रहा है. दोबारा जमा करने के बाद भी उस पर कार्रवाई नहीं की जा रही है. इस वजह से बहुत लोग परेशान हो रहे हैं.

Paritosh Shahi
Paritosh Shahi
परितोष शाही डिजिटल माध्यम में पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में एक्टिव हैं. करियर की शुरुआत राजस्थान पत्रिका से की. अभी प्रभात खबर डिजिटल के बिहार टीम में काम कर रहे हैं. देश और राज्य की राजनीति, सिनेमा और खेल (क्रिकेट) में रुचि रखते हैं.

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