अररिया. बिहार में इस बार विधानसभा चुनाव को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. खासकर नये मतदाताओं में एक नया जोश, नया उमंग दिख रहा है. पहली बार वोट डालने जा रहे युवा न केवल राजनीतिक रूप से जागरूक हैं. बल्कि अपने वोट को बदलाव का माध्यम मान रहे हैं. स्थानीय कॉलेजों व सोशल मीडिया पर चुनावी चर्चा जोरों पर है. 18-22 वर्ष के युवाओं में इस बार मतदान को लेकर उत्सुकता काफी अधिक देखी जा रही है. जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 18 से 19 वर्ष के युवा 31 हजार 994 तो 20 से 29 वर्ष के 04 लाख 56 हजार 761 कुल 04 लाख 88 हजार 455 युवाओं की टोली है. जो 06 विधानसभा क्षेत्र में निर्णायक भूमिका साबित हो सकते हैं. इस बार, ऐसे युवा जो पहली बार वोट डालेंगे, कहते हैं, अब हम सिर्फ सोशल मीडिया पर नहीं बोलेंगे, ईवीएम के माध्यम से भी अपनी आवाज उठायेंगे व समाज को एक नया संदेश देंगे. सबसे बड़ा रोचक बात यह है कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव, छठ व दीपावली त्योहार करीब-करीब साथ पड़ रहे हैं. इससे बड़ी संख्या में प्रवासी बिहारी व उनके परिवार के लोग अपने-अपने गांव लौट रहे हैं. जहां पहले लोकसभा चुनाव के दौरान बहुत से लोग बाहर थे. वहीं इस बार त्योहार की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में वोट प्रतिशत बढ़ने की पूरी संभावना है. चुनाव आयोग भी इस बार गांवों में विशेष जागरूकता अभियान चलाने जा रहा है. मतदान कर्मियों को प्रशिक्षण में थोड़ी भी ढील नहीं मिल रही है. इधर, दिल्ली से लौटे कुछ लोगों ने कहा कि उनके परिवार में चार वोटर है. हम सभी बाहर रहने की वजह से लोकसभा चुनाव में भाग नहीं ले सके थे. इस बार पर्व खत्म के बाद भी विस चुनाव में 11 नवंबर को वोट करके ही हम वापस लौटेंगे. इधर, इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने की कोशिश में जुटे नेताओं के पास चुनाव प्रचार का समय तो कम है, लेकिन छठी माई के भरोसे नैया मार करने की रणनीति बनाने में जुटे हैं. छठ घाट पर भी इस बार भारी भीड़ व चमक-दमक देखने को मिलेगी.
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