नरपतगंज. प्रखंड क्षेत्र के मधुरा उत्तर स्थित रामजानकी ठाकुरबाड़ी परिसर में छह दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन मंगलवार को भागलपुर कुप्पाघाट महर्षि मेंही आश्रम के प्रसिद्ध कथा वाचक स्वामी सनातन जी महाराज ने लोगों को संबोधित किया. उन्होंने भगवान के अवतारों की कथा के साथ-साथ समुद्र मंथन की बहुत ही रोचक व सारगर्भित कथा सुनाते हुए कहा कि यह संसार भगवान का एक सुंदर बगीचा है. यहां 84 लाख योनियों के रूप में भिन्न- भिन्न प्रकार के फूल खिले हुए हैं. जब-जब कोई अपने गलत कर्मों द्वारा इस संसार रूपी भगवान के बगीचे को नुकसान पहुंचाने की चेष्टा करता है. तब-तब भगवान इस धरा धाम पर अवतार लेकर सज्जनों का उद्धार व दुर्जनों का संहार करते हैं. समुद्र मंथन की कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि मानव हृदय ही संसार सागर है. मनुष्य के अच्छे व बुरे विचार ही देवता व दानव के द्वारा किया जाने वाला मंथन है. कभी हमारे अंदर अच्छे विचारों का चिंतन मंथन चलता रहता है. कभी हमारे अंदर बुरे विचारों का चिंतन मंथन चलता है. महाराज जी ने बताया कि जिसके अंदर का दानव जीत गया उसका जीवन दु:खी, परेशान व कष्ट-कठिनाइयों से भरा होगा. वहीं जिसके अंदर का देवता जीत गया, उसका जीवन सुखी, संतुष्ट व भगवत प्रेम से भरा हुआ होगा. इसलिए हमेशा अपने विचारों पर पैनी नजर रखते हुए बुरे विचारों को अच्छे विचारों से जीतते हुए अपने जीवन को सुखमय व आनंद मय बनाना चाहिये.
छह से हो रहा आयोजन
मालूम हो कि यह भागवत कथा छह अप्रैल को प्रारंभ हुई है, जिसका 12 अप्रैल को समापन होगा. मौके पर मुखिया कंचन देवी, राजद प्रखंड अध्यक्ष धनजंय यादव, कमेटी के अध्यक्ष अमरेंद्र यादव, हंसराज यादव, ललित राजभर, नीरज यादव शिक्षक, राजेश यादव, जितेंद्र यादव, विकास कुमार, मंटू यादव, महेश यादव, उमेश यादव, गोपाल यादव, नंदन यादव, सुनील यादव, सिनोद यादव, प्रदीप यादव, पवन यादव, गुड्डू यादव, अजय मेहता सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे.
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