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कलिंगा यूनिवर्सिटी में नेपाली छात्रा के सुसाइड के बाद विरोध कर रहे नेपाली छात्रों को कॉलेज प्रशासन ने भेजा घर

नेपाली छात्रों में कॉलेज प्रशासन के प्रति आक्रोश

-8- -9 प्रतिनिधि, जोगबनी

ओडिसा के कलिंगा इंस्टिट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआइआइटी) में कंप्यूटर साइंस थर्ड ईयर की छात्रा प्रकृति लामसाल की आत्महत्या के बाद कॉलेज में विरोध प्रदर्शन कर रहे नेपाली छात्रों को कॉलेज प्रशासन ने जबरन कॉलेज से घर भेज दिया. स्वदेश वापसी के क्रम में भारत नेपाल सीमा जोगबनी पहुंचने पर इन छात्रों ने प्रभात खबर से खास बातचीत में बताया की कलिंगा इंस्टिट्यूट में आत्महत्या का शिलशिला लगातार जारी है. हमारे सामने ये पांचवीं आत्महत्या थी. उन्होंने बताया की इस बार नेपाली छात्रा के आत्महत्या के बाद हम सभी नेपाली स्टूडेंट कॉलेज प्रशासन से प्रकृति की आत्महत्या की सही ढंग से जांच करवाने व जिस लड़के ने प्रकृति के साथ अश्लील हरकत की उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे. छात्रों ने बताया की रात भर हम प्रोटेस्ट किए. उसके बाद सुबह जब हम अपने हॉस्टल में सोने गये तो कॉलेज प्रशासन द्वारा कॉलेज के सिक्युरिटी गार्ड व 40 से 50 की संख्या में बाउंसर मंगवाकर हमें पिटा गया व हमें हॉस्टल से बाहर निकाल दिया गया. वहीं जोगबनी पहुंची सीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा श्रेया ने बताया की कॉलेज प्रशासन द्वारा सभी नेपाली छात्रों को जो प्रोटेस्ट में नहीं गए थे उन्हें भी हॉस्टल से बाहर निकाला दिया गया. श्रेया ने बताया की गर्ल्स हॉस्टल में यहां तक की हम लड़कियों के कमरे में पुरुष पुलिस कर्मी आकर हमें हॉस्टल खाली करने के लिए बोल रहे थे. वहीं छात्रों ने कहा की हम बस भारत सरकार से यही मांग करते हैं की सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करे व प्रकृति लामसाल को न्याय दिलाए.

नेपाल में भी छात्र संगठन कर रहे है प्रदर्शन

प्रकृति लामसाल की आत्महत्या के बाद नेपाल में विभिन्न राजनीतिक दलों के छात्र संघ व संगठन सड़क से लेकर असेंबली तक सदन तक अपनी आवाज उठा रहे हैं. इस बीच राष्ट्रीय पार्टियां भी अपने विचार सार्वजनिक कर रहे हैं. वही प्रदर्शन कर रहे विराटनगर महेंद्र मौरंग के छात्रों ने प्रकृति लामसाल के साथ हुई घटना की उचित जांच की मांग की. वही छात्रों ने मांग करते हुए कहा की नेपाली सरकार नेपाली छात्रों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने तथा प्रकृति के साथ न्याय सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कूटनीतिक पहल करें.

क्या कहा नेपाल सरकार ने

वहीं इस मामले में नेपाल सरकार ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. नेपाल सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा है की वह भविष्य में ओडिसा के किसी भी विश्वविद्यालय या शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ने को इच्छुक अपने छात्रों को अनापत्ति प्रमाण पत्र ( एनओसी) नहीं देंगे. नेपाल के शिक्षा मंत्रालय ने आगे कहा की इस घटना से उत्पन्न समस्याओं के प्रभावी समाधान की सुविधा के लिए एक हेल्प डेस्क का गठन किया गया है. कलिंगा इंस्टिट्यूट में नेपाली छात्रों की पढ़ाई फिर से शुरू हो व अनुकूल माहौल बने इसके लिए नेपाल के विदेश मंत्रालय भारत सरकार के साथ लगातार राजनयिक प्रयास कर रही है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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