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अतिक्रमण के कारण दो घंटे तक जाम में फंसे लोग

लोगों ने प्रशासन से की अतिक्रमण हटाने की मांग

भरगामा. भरगामा प्रखंड क्षेत्र के महथावा बाजार में सड़क अतिक्रमण की समस्या लगातार विकराल रूप लेती जा रही है. सोमवार की अपराह्न मुख्य बाजार क्षेत्र में अतिक्रमण के कारण भयानक जाम की स्थिति उत्पन्न हो गयी. दो घंटे तक राहगीर व वाहन चालक जाम में फंसे रहे. जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. जानकारी अनुसार, बैंक मोड़ से लेकर भगवती स्थान व इधर बुद्ध चौक तक वाहनों की लंबी कतारें लग गईं. सड़क किनारे दुकानदारों व स्थानीय लोगों द्वारा किये गए कब्जे के कारण वाहन आगे-पीछे हिल भी नहीं पा रहे थे. धीरे-धीरे स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पैदल चलना भी मुश्किल हो गया. खासकर रोजमर्रा की खरीदारी करने वाले लोगों को काफी परेशानी हुई लोग खरीदारी करने मुख्य बाजार पहुंचे व जाम मे फंस गये. अंततः भरगामा पुलिस व कुछ वाहन चालकों के सहयोग से जाम को करीब दो घंटे बाद खोलने में सफलता मिली. ग्रामीणों ने बताया कि महथावा बाजार में सड़क के दोनों ओर दुकानदारों ने अवैध रूप से कब्जा कर दुकानें व ठेले लगा रखे हैं. जाम में फंसे यात्रियों ने प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर समय रहते अतिक्रमण नहीं हटाया गया होता तो इस तरह की स्थिति उत्पन्न हीं नहीं होती. जबकि अतिक्रमण को लेकर दुर्घटना आम बात हो गई है. इस संबंध में भरगामा अंचलाधिकारी निरंजन कुमार मिश्र ने बताया कि सड़क अतिक्रमण की समस्या पर जल्द कार्रवाई की जायेगी. अतिक्रमणकारियों को नोटिस भेजने की तैयारी चल रही है व सड़क को अतिक्रमण मुक्त कराया जायेगा.34

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सत्य आचरण के बिना ईश्वर की प्राप्ति संभव नहीं

भरगामा. सुकेला-जमुवान गांव में आयोजित दो दिवसीय संतमत सत्संग में श्रद्धा, भक्ति व आध्यात्मिक दिव्यता का अनोखा संगम देखने को मिला. पर्वत समान भीड़ के बीच देशभर से आये संत-महात्माओं ने अपने उपदेशों से उपस्थित श्रद्धालुओं को जीवन के वास्तविक सार व नैतिकता की महत्ता से अवगत कराया. मुख्य प्रवचनकर्ता स्वामी वेदानंद जी महाराज ने कहा कि सत्य का आचरण हर मानव का प्रथम कर्तव्य है. दुख देने की प्रवृत्ति रखने वाला कभी ईश्वर प्राप्त नहीं कर सकता. हिंसा, छल–कपट व नशा जैसी कुरीतियों का त्याग कर हीं भक्ति का सच्चा रस चखा जा सकता है. उन्होंने आगे कहा कि घट-घट में परमात्मा का वास है. भक्ति का मार्ग सूक्ष्म है व इस मार्ग पर वही चल सकता है जो अपने भीतर शांति, संयम व सत्य को स्थान देता है.झूठ, चोरी, नशा, हिंसा व व्यभिचार का त्याग हर मानव को करना चाहिये. सत्संग स्थल पर स्वामी वेदानंद जी महाराज के आगमन के दौरान सत्संग प्रेमियों ने पुष्पवर्षा व “सद्गुरु महाराज की जय” के जयघोष से उनका स्वागत किया. पूरा सुकेला-जमुवान क्षेत्र भक्ति व आध्यात्मिक रंग में रंग गया. सत्संग के दौरान कई प्रतिष्ठित संतों में शामिल जगप्रानंद जी महाराज, रामा रमण जी महाराज, निरंजन जी महाराज, रविशंकरानंद जी महाराज, दयानंद जी महाराज, सुबोधानंद जी महाराज, गुलाबानंद जी महाराज, अमितानंद जी महाराज ने भी अपने अमूल्य विचार व्यक्त किए. सभी संतों ने जीवन में सद्गुरु, सत्संग व सत्कर्म की अनिवार्यता पर जोर दिया. सत्यनारायण जी ब्रह्मचारी ने अपने प्रवचन में कहा कि संतमत का स्वरूप सभी धार्मिक ग्रंथों के समान है. सद्गुरु की शिक्षा के बिना परमात्मा की सच्ची भक्ति संभव नहीं. सद्गुरु ही मार्गदर्शक हैं व उनसे दी गई शिक्षा के बाद ही ईश्वर प्राप्ति का लाभ मिलता है. सत्संग कार्यक्रम में मंत्री संजय सत्यार्थी की भी उपस्थिति उल्लेखनीय रही. कार्यक्रम समाप्ति तक सुकेला-जमुवान गांव भक्ति, शांति व आध्यात्मिक उत्साह से सराबोर दिखाई दिया. श्रद्धालुओं ने कहा कि ऐसे आयोजन समाज को प्रेम, सद्भाव व आध्यात्मिकता की दिशा में अग्रसर करते हैं.35,36

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