फारबिसगंज. संस्था बिहार बाल मंच ने संस्था के संस्थापक विनोद कुमार तिवारी की अध्यक्षता में शहर के पीडब्लूडी में सालूमरदा थिमक्का की स्मृति में पर्यावरण संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस मौके पर संस्था से जुड़े स्कूली बच्चों ने परिसर की सफाई व पौधरोपण किया इसके बाद श्री तिवारी ने कहा कि पद्मश्री सम्मानित पर्यावरण संरक्षक वृक्ष माता के नाम से प्रसिद्ध, थिमक्का 114 वर्ष की आयु में दुनिया को 14 नवंबर 2025 को अलविदा कह गयी. बरगद के सैकड़ों पेड़ लगाकर प्रकृति संरक्षण को जीवन का उद्देश्य बनाने वाली थिम्मक्का का जन्म 11 अप्रैल 1911 को कर्नाटक के तुमकुरु जिले के एक अत्यंत गरीब परिवार में हुआ था. उन्हें कोई औपचारिक शिक्षा नहीं मिली थी. वह पूरी तरह अनपढ़ थीं. समय‑समय पर वह खदानों में मजदूरी करती थीं. उनकी शादी चिक्कैया नामक व्यक्ति से हुई थी. दंपती निःसन्तान थे. ऐसा कहा जाता है कि थिमक्का ने बच्चों के बदले बरगद का पेड़ लगाना शुरू किया. उन्होंने 8000 से अधिक पेड़ लगाये. जिनका वह रोज जल‑सिंचन भी करती थीं. 2019 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया. इसके अतिरिक्त, 2010 में हम्पी विश्वविद्यालय द्वारा नादोजा पुरस्कार , 1995 में राष्ट्रीय नागरिक पुरस्कार, और 1997 में इंदिरा प्रियदर्शिनी वृक्ष मित्र पुरस्कार प्राप्त हुआ था.
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