नगर परिषद ने जल निकासी के लिए करोड़ों रुपये खर्च किये, लेकिन जल निकासी की समस्या जस की तस -1-प्रतिनिधि, अररिया बेमौसम हल्की बारिश ने शहर के विभिन्न मुहल्ले में जल निकासी की पोल खोलकर रख दी है. किसी भी मुहल्ले में सही ढंग से जल निकासी नहीं होने से समस्या पहले ही जैसी बनी हुई है. लोग सड़क पर जल-जमाव की समस्या से परेशान हैं. पिछले दस वर्षों में शहर के विभिन्न वार्डों में जल निकासी के लिए करोड़ों रुपये खर्च किया गया. लेकिन समस्या पहले ही जैसा आज भी बना हुआ है. आखिर प्रश्न ये है कि नाला का निर्माण क्यों किया गया. आखिर पानी निकलेगा भी कैसे, सड़क से एक फिट तो कहीं कहीं दो फिट ऊंचा नाला निर्माण किया गया. ऐसे में सड़क से ऊंचे बने नाला में सड़क का पानी कैसे जायेगा. इतना ही नहीं अगर ऊंचा कर नाला बनाया भी गया है तो नीचे बगल में छेद क्यों नहीं किया गया व स्लैब के ऊपर भी छेद नहीं किया गया. ऐसे में सड़क का पानी नाला में कैसे जायेगा. जिस समय नाला निर्माण किया जाता है उस समय इसपर ध्यान क्यों नहीं दिया जाता है कि आखिर इसमें जल की निकासी कैसे होगी. अब बड़ा सवाल ये उठता है कि कार्य को देखने वाले अभियंता ने किस तरह की पढ़ाई की है कि सड़क से बने ऊंचे नाला में पानी कैसे जायेगा. ये अभियंता किस तरह के इंजीनियरिंग की आधुनिक शिक्षा प्राप्त की है कि जल निकासी के लिए करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा दिया गया. इसपर वार्ड के पार्षद को भी इस गंभीर समस्या को लेकर अपने अपने वार्ड में इसपर ध्यान दें. क्योंकि जनता ने उनपर विश्वास कर ही उन्हें अपना प्रतिनिधि चुना है. सबसे ज्यादा जल निकासी की समस्या से शहर के वार्ड संख्या 19 व 20 आजाद नगर का है. जहां हाल ही में लगभग एक करोड़ की लागत से नाला का निर्माण कराया गया है. लेकिन नाला के निर्माण के बाद भी अब जल-जमाव की समस्या पहले से व ज्यादा देखा जा रहा है. जिसको लेकर वार्ड वासियों में अपने वार्ड पार्षद के प्रति नाराजगी देखी जा रही है. वार्ड वासी अब्दुल कुद्दूस, मो मुजाहिद आलम, मुश्ताक आलम ,कमर मासूम ,शम्स एजाज ,फारूक आजम, मो साजिद आलम, शाहिद आलम आदि ने कहा कि जल निकासी के लिए इस तरह के नाला का निर्माण नहीं होता है. बल्कि नाला निर्माण के नाम पर जमकर लूट की जाती है.
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