सीमा शुल्क विभाग ने दी मंजूरी
जोगबनी.नेपाल व भारत के प्रधानमंत्रियों ने दो साल पहले नयी दिल्ली से बथनाहा-विराटनगर कार्गो रेल का डिजिटल उद्घाटन किया था. रेलवे का एक नेपाल कस्टम्स यार्ड विराटनगर-18 आइसीपी पर स्थित है. बथनाहा रेलवे स्टेशन इस कस्टम्स यार्ड से सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. उद्घाटन के दिन, सुनसरी-मोरंग औद्योगिक गलियारे के अंतर्गत बूढ़ीगंगा के आरती पट्टियों से माल लेकर एक मालगाड़ी नेपाल कस्टम्स यार्ड या सीमा शुल्क क्षेत्र में पहुंची थी, तब से कोई भी मालगाड़ी विराटनगर कस्टम के लिए नहीं गयी है न ही आयी है. कटकटा व विशाखापत्तनम से मालगाड़ियां बीरगंज आ रही है, लेकिन विराटनगर नहीं आ रही है. रेल ट्रैक द्वारा माल नेपाल नहीं आने के कारण विराटनगर के नेपाली व्यापारियों को समस्या का सामना करना पड़ रहा था, क्योंकि नेपाल-भारत पारगमन संधि में उस प्रावधान में संशोधन नहीं किया गया था जो उन्हें कार्गों रेल का उपयोग कर विदेशों से सीमेंट, क्लिंकर, कोयला व रासायनिक उर्वरकों के अलावा अन्य थोक माल को विराटनगर आइसीपी तक लाने पर रोक लगाता है. नेपाल के तत्कालीन सरकारी अधिकारियों ने पारगमन संधि के मसौदे पर ध्यान नहीं दिया व त्रुटिपूर्ण संधि को जिसे ठीक किया जाना चाहिए था अब संशोधित किया गया है.विराटनगर के उद्योगपतियों को मिली राहत
अब कार्गो रेल के माध्यम से तीसरे देशों से आयातित माल को विराटनगर स्थित रेलवे यार्ड तक लाने का रास्ता आखिरकार खुल गया है. इसके साथ हीं भारतीय रेलवे व सीमा शुल्क विभाग ने अपने सिस्टम में एनसीवाई (नेपाल कस्टम यार्ड) दर्ज नहीं किया था. अब संधि में संशोधन के बाद भारत से नेपाल के लिए रवाना होने वाली मालगाड़ी नेपाल सीमा शुल्क यार्ड में पहुंचने वाली है. इससे विराटनगर के उद्योगपतियों को राहत मिली है. उद्योग व व्यापार संघ के अध्यक्ष अनुपम राठी ने विश्वास जताया है कि संधि में संशोधन से परिवहन लागत में कमी आयेगी. उन्होंने कहा कि अब एचआर शीट, सीआर शीट, इंगोट, एमएस वायर रॉड आदि औद्योगिक कच्चे माल का आयात तीसरे देशों से किया जा सकेगा. वहीं उद्योग वाणिज्य महासंघ कोशी प्रदेश के अध्यक्ष राजेंद्र राउत ने कहा कि ढाई साल से इंतजार कर रहे पूर्व उद्यमियों की मुराद पूरी हो गई है.एनसीवाई के लोडिंग, अनलोडिंग व कार्गो हैंडलिंग शुल्क को भी सस्ता करना जरूरी
अध्यक्ष राउत ने शिकायत दर्ज करते हुए कहा की विराटनगर के आइसीपी स्थित एनसीवाई में कंटेनरों व आयातित माल की लोडिंग, अनलोडिंग व परिवहन शुल्क महंगा है. राउत के अनुसार इस अधिक लागत के कारण नेपाली उद्यमी सीमा पार भारतीय रेलवे यार्ड में मालगाड़ियों को रोककर वहां से माल आयात कर रहे हैं. राउत ने कहा कि संधि में संशोधन किया गया है जिससे सभी प्रकार का थोक माल एनसीवाइ तक पहुंच सके. अब नेपाल सरकार को विराटनगर स्थित एनसीवाई के लोडिंग, अनलोडिंग व कार्गो हैंडलिंग शुल्क को भी सस्ता करना चाहिए अन्यथा मालगाड़ी एनसीवाई तक नहीं पहुंच पायेगी. उन्होंने बताया कि भारत नेपाल का सबसे बड़ा व्यापार व निवेश साझेदार है व नेपाल के बाहरी व्यापार में इसका बड़ा हिस्सा है. उन्होंने कहा कि पारगमन संधि में संशोधन से दोनों देशों के बीच आर्थिक व व्यापारिक संबंध और मजबूत हुए हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

