अनुमंडलीय अस्पताल में बना पांच बेड का एईएस वार्ड 17- प्रतिनिधि, फारबिसगंज मस्तिष्क ज्वर अर्थात चमकी बुखार, दिमागी बुखार, एईएस की रोकथाम के लिए किये जाने वाले सामान्य उपचार व बरते जाने वाले सावधानियां के संदर्भ में जानकारी देने को लेकर बुधवार को अनुमंडलीय अस्पताल में सभी एंबुलेंस चालकों व ईएमटी को प्रशिक्षण दिया गया. इस क्रम में प्रशिक्षण दे रहे जिला वेक्टर बॉन डिजीज नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह व अस्पताल उपाधीक्षक डॉ आशुतोष कुमार ने सभी एंबुलेंस चालकों व ईएमटी को बताया कि मस्तिष्क ज्वर के मरीज को किस प्रकार सावधानियों के साथ लिटा कर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र लाना है. बताया कि मष्तिष्क ज्वर के मरीज को सांस की नली खुला रखने के लिए एक तरफ लिटाएं, ठुड्डी को उठा कर रखें और एक हाथ गाल के नीचे रख दें. शरीर की स्थिति को स्थिर रखने के लिए एक पैर को मोड़ दें. यही नहीं प्रशिक्षण के दौरान मस्तिष्क ज्वर अर्थात चमकी बुखार, दिमागी बुखार, एईएस की रोकथाम के लिए किये जाने वाले सामान्य उपचार के संदर्भ में विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए बताया कि बच्चों को तेज धूप से बचाना चाहिए, बच्चों को रात में सोने से पहले भर पेट खाना खिलाना चाहिए,रात के बीच में वे सुबह में उठते ही देखना चहिए कि कही बच्चा बेहोश या उसे चमकी तो नही है. बताया कि बेहोशी या चमकी दिखते ही आशा को सूचित कर तुरंत 102 नम्बर के एम्बुलेंस को डायल कर उक्त एम्बुलेंस या उपलब्ध वाहन से नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाना चहिए. प्रशिक्षण के बाद अस्पताल प्रबंधक प्रवीण कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि अनुमंडलीय अस्पताल में 05 बेड का एईएस वार्ड भी बनाया गया है.इस मौके पर पीएचसी प्रभारी डॉ राजीव कुमार बसाक सहित अन्य चिकित्सक मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

