अररिया : कभी मुख्य पार्षद तो कभी उप मुख्य पार्षद की गद्दी पर काबिज रहने वाली अफसाना प्रवीण के उप मुख्य पार्षद बने रहने का फैसला गुरुवार को तय होगा. उनके विरुद्ध उनके ही खेमे के 10 पार्षदों ने 2 जुलाई 2019 को अविश्वास लाया. इससे पहले वर्तमान मुख्य पार्षद रीतेश कुमार राय पर अफसाना प्रवीण के द्वारा ही अविश्वास लगाया गया था.
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अफसाना बचायेंगी अपनी कुर्सी या नप को मिलेगा नया चेहरा ?
अररिया : कभी मुख्य पार्षद तो कभी उप मुख्य पार्षद की गद्दी पर काबिज रहने वाली अफसाना प्रवीण के उप मुख्य पार्षद बने रहने का फैसला गुरुवार को तय होगा. उनके विरुद्ध उनके ही खेमे के 10 पार्षदों ने 2 जुलाई 2019 को अविश्वास लाया. इससे पहले वर्तमान मुख्य पार्षद रीतेश कुमार राय पर अफसाना […]
जिसमें उन्होंने 29 में से 15 मत पाकर अपनी गद्दी को बचा लिया था. अचानक 2 जुलाई को जब अफसाना के गुट के द्वारा ही जब उनके विरुद्ध अविश्वास लाया गया तो कहीं न कहीं यह चर्चा जोरों पर रही थी कि अविश्वास के इस खेल के पीछे के बाजीगर खुद वे ही हैं.
बहरहाल जैसे-जैसे तिथियां बढ़ती गयीं, उप मुख्य पार्षद के दावेदार भी सामने आने लगे. बहुत ही एग्रेसिव होकर पार्षद फरीदा खातून खुले तौर पर अपने आप को उप मुख्य पार्षद की दावेदार बताने लगी. 25 जुलाई को होने वाली अविश्वास की बैठक में यह कयास लगाये जाने लगे हैं कि कहीं उप मुख्य पार्षद अफसाना की गद्दी खतरे में तो नहीं है.
देखा जाये तो शहर के कुछ पार्षद बाहर की सैर कर रहे हैं. ऐसे में उम्मीदवारी होने का मामला तो तय माना जा रहा है. बता दें कि उप मुख्य पार्षद अफसाना प्रवीण का नप की मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद की कुर्सी से पुराना नाता रहा है. वर्ष 2007 से 2009 के बीच अंजनी जायसवाल जब मुख्य पार्षद बनीं तो उस वक्त भी अफसाना प्रवीण उप मुख्य पार्षद बनने में कामयाब रही थीं.
यही नहीं 2009 से 2012 के बीच अफसाना प्रवीण पुन: उप मुख्य पार्षद की कुर्सी से छलांग मार मुख्य पार्षद बनने में कामयाब रही थीं. उस वक्त उप मुख्य पार्षद के रूप में पारस भगत उनके साथ नजर आये थे. 2012 से 2014 के बोर्ड में स्वीटी दास गुप्ता मुख्य पार्षद रहीं. जबकि उप मुख्य पार्षद की कुर्सी संजय यादव उर्फ पिंकू यादव अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे थे.
हालांकि इस बीच अफसाना प्रवीण गद्दी तो हासिल नहीं कर पायीं, लेकिन वर्ष 2014 से 2017 के बीच अफसाना प्रवीण पुन: अविश्वास प्रस्ताव लगाकर नगर परिषद अररिया की मुख्य पार्षद बनीं. उस वक्त उनके साथ उप मुख्य पार्षद गौतम साह ने उनका बखूबी साथ निभाया. वर्ष 2017 के चुनाव में युवा रीतेश कुमार राय को मुख्य पार्षद बनाने में अफसाना प्रवीण की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है, जिसका नतीजा था कि उप मुख्य पार्षद की कुर्सी पर अफसाना प्रवीण काबिज हुईं.
लेकिन उन्हीं के द्वारा वर्ष 2019 में मुख्य पार्षद के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. हालांकि रीतेश ने अपनी कुर्सी तो बचा ली, लेकिन 2 जुलाई को पुन: अफसाना गुट के 10 पार्षदों के द्वारा जब उप मुख्य पार्षद पर अविश्वास लगाया गया तो तब से अब तक में कई बदलाव देखने को मिले.
तैयारी पूरी, पारदर्शी होगी बैठक की कार्रवाई
अविश्वास को लेकर तैयारी पूरी कर ली गयी है. दंडाधिकारी व पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति को लेकर जिला पदाधिकारी की ओर से निर्देशित किया जा चुका है. अविश्वास पर चर्चा पूरी तरह निश्पक्ष व पूरी तरह शांतिपूर्ण वातावरण में संपन्न हो इसको लेकर बैठक की सारी कार्रवाई पारदर्शी तरीके से संपन्न करायी जायेगी.
दीनानाथ सिंह, कार्यपालक पदाधिकारी, नप अररिया
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