17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

युवती के चरित्र पर था प्रेमी को शक इसलिए कर दी थी प्रेमिका की हत्या

अररिया : 21 मार्च 18 को नगर थाना क्षेत्र के बसहा घाट स्थित बहियार से 18 वर्षीया एक युवती का शव विभत्स हालत में पुलिस को मिला. हत्या कर शव को उक्त स्थान पर गाड़े जाने का शक परिजन ही नहीं बल्कि पुलिस को भी हो रहा था. इस मामले को लेकर मृतका तस्लीमा खातून […]

अररिया : 21 मार्च 18 को नगर थाना क्षेत्र के बसहा घाट स्थित बहियार से 18 वर्षीया एक युवती का शव विभत्स हालत में पुलिस को मिला. हत्या कर शव को उक्त स्थान पर गाड़े जाने का शक परिजन ही नहीं बल्कि पुलिस को भी हो रहा था. इस मामले को लेकर मृतका तस्लीमा खातून के भाई मंसूर आलम बारी घाट निवासी वार्ड संख्या 01 ने नगर थाना में अपनी बहन की हत्या का मामला दर्ज कराते हुए बहन द्वारा किये गये फोन कॉल के आधार पर बनगामा निवासी मो जुबैर आलम को नामजद आरोपित बनाया था. बहराहाल शुक्रवार को एसपी धूरत शायली ने प्रेस कांफ्रेंस कर जब इस हत्या का उद्भेदन किया. इससे यह स्पष्ट होता चला गया कि हत्यारोपित ने बड़े ही साजिश से खुद को बचाने के लिए मो जुबैर को नामजद अभियुक्त बनाया था.

एसपी ने परत दर परत इस वीभत्स हत्याकांड का खुलासा करते हुए कहा कि नगर थाना में दर्ज कांड संख्या 156/18 में 05 मार्च 18 को तस्लीमा खातून के भाई मंसूर आलम ने अपनी बहन का अपहरण किये जाने की सूचना दी. इसमें उन्होंने कहा कि उसकी बहन ने ही उन्हें फोन कर बताया था कि वह मामले के नामजद आरोपी मो जुबैर के साथ घर से भागी है. इस बीच 21 मार्च को तस्लीमा खातून का शव पुलिस को मिलता है. शव इस हालत में सड़ चुकी थी कि उसे पोस्टमार्टम के लिए भागलपुर भेजा गया था.
इधर पुलिस मामले में अनुसंधान करती रही. पुलिस को वैज्ञानिक अनुसंधान के जरिये यह पता चला कि लड़की अपने गांव के ही मो असरफ के साथ घर से भागी थी. जिसे यह शक था कि तस्लीमा का नाजायज संबंध अन्य के साथ भी है. इसी शक के आधार पर असरफ तस्लीमा को 09 मार्च 18 को यह कहकर घर ले जाने लगा कि पुलिस पूरी तरह सक्रिय हो चुकी है चलो तुमको घर पहुंचा देते हैं. वह तस्लीमा को पैदल ही घर ले गया.
असरफ चार दिनों तक शहर में ही रहा था अपहृता तस्लीमा के साथ
बसहा घाट के निकट पहुंचने के बाद उसने तस्लीमा का गला दबाकर हत्या कर दी. साक्ष्य को छिपाने के उद्देश्य से वह उसके शव को वही दफनाकर फरार हो गया. लेकिन पुलिस अंतत: मुख्य आरोपी तक पहुंच गयी. वहीं एक निर्दोष जेल जाने से बच गया. इस मौके पर एसडीपीओ केडी सिंह, डीएसपी मुख्यालय रामेश्वर प्रसाद, इंस्पेक्टर पीके प्रवीण, नगर थानाध्यक्ष आरके चौधरी, पुअनि पीके प्रवीण आदि मौजूद थे. तस्लीमा का वीभत्स रूप से हत्या करने वाला आशिक मो असरफ 18 वर्षीया तस्लीमा को लेकर 05 मार्च को घर से फरार हुआ था.
वह तस्लीमा को लेकर अररिया निजामनगर पहुंचा. उसके अररिया आने का मकसद यह भी था कि वह यहां पर राज मिस्त्री का काम करता था. इस दौरान वह तस्लीमा को 09 मार्च 18 तक वहीं पर रखा. यह बात बाद में पुलिस को भी स्थानीय लोगों ने बताया. पुलिस को पहली कड़ी यहीं से मिलनी शुरू हुई. बाद में पुलिस ने मोबाइल कॉल डिटेल को खंगाला तो हत्या के राज परत दर परत खुलने शुरू हो गये.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें