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उलझा हुआ है जोकीहाट चुनाव का समीकरण

जोकीहाट विधानसभा उप चुनाव को लेकर समीकरण बहुत उलझा हुआ है. सरकारी अवकाश समाप्त होते ही तीन मई से नामांकन शुरू होना है. पर अब तक संभावित प्रत्याशियों को लेकर स्थिति पूरी तरह अस्पष्ट है. साफ है तो केवल इतना कि संघर्ष बहुकोणीय होगा. राजद व जदयू के अलावा भी राजनीति के कई पुराने खिलाड़ी […]

जोकीहाट विधानसभा उप चुनाव को लेकर समीकरण बहुत उलझा हुआ है. सरकारी अवकाश समाप्त होते ही तीन मई से नामांकन शुरू होना है. पर अब तक संभावित प्रत्याशियों को लेकर स्थिति पूरी तरह अस्पष्ट है. साफ है तो केवल इतना कि संघर्ष बहुकोणीय होगा. राजद व जदयू के अलावा भी राजनीति के कई पुराने खिलाड़ी भी चुनावी जंग में कूदेंगे जरूर.
वहीं सूत्र बताते हैं कि स्वर्गीय सांसद मो तसलीमुद्दीन के परिवार में ही राजद के टिकट की दावेदारी को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है. जोकीहाट विधानसभा का चुनाव राजद व जदयू दोनों ही पार्टियों की साख का सवाल बन चुका है. वजह बहुत स्पष्ट है. लोकसभा उप चुनाव से पहले ये सीट जदयू की थी. वर्तमान राजद सांसद सरफराज आलम जदयू के विधायक थे. लिहाजा जदयू हर हाल में अपनी सीट अपने पास रखना चाहेगी. वहीं राजद इस सीट पर अपना कब्जा कर ये संदेश देना चाहेगी कि सीमांचल में लालू यादव का करिश्मा बरकरार है.
पर अनसुलझा सवाल ये है कि दोनों की पार्टियां किन्हें अपना उम्मीदवार बनाती हैं. जानकारी के मुताबिक राजद टिकट के लिए स्वर्गीय सांसद तसलीमुद्दीन के परिवार में ही दो दावेदार जोर लगा रहे हैं. एक तरफ तसलीमुद्दीन के छोटे पुत्र शाहनवाज आलम है. तो दूसरी तरफ उनका पोता व वर्तमान सांसद सरफराज आलम का पुत्र आमिर फराज उर्फ गुलाब है. दोनों की अपने अपने तौर पर माहौल बनाने में लगे हैं. वहीं कुछ लोग दोनों के बीच सहमति बनाने का प्रयास भी कर रहे हैं. बात यहीं समाप्त नहीं होती. स्वर्गीय सांसद के के एक करीबी रिश्तेदार व पलासी प्रखंड से जिला पार्षद शब्बीर आलम भी क्षेत्र भ्रमण में लगे हुए हैं. राजद टिकट की दावेदारी भी कर रहे हैं. कुछ समाचार पत्रों में छपे बयानों पर भरोसा करें तो वे चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी कर चुके हैं. राजद टिकट मिले या न मिले. राजद टिकट के और भी कई दावेदार बताये जाते हैं.
जदयू खेमे में भी टिकट को लेकर जारी है भाग दौड़
अररिया. पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष नौशाद आलम ये कह कर अपने को सबसे प्रबल दावेदार बता रहे हैं कि वे बहुत लंबे समय से पार्टी के समर्पिक कार्यकर्ता रहे र्हे. शिक्षित हैं. तीन बार जिलाध्यक्ष रह चुके हैं. दिलचस्प ये कि नौशाद आलम जोकीहाट के पूर्व जदयू विधायक मंजर आलम के बहनोई है. वहीं मंजर आलम खुद भी एक बार फिर चुनाव लड़ने के लिए जनता की नब्ज टटोल रहे हैं. बताया जाता है कि पलासी के पूर्व मुखिया मुर्शिद आलम, जदयू के जोकीहाट प्रखंड अध्यक्ष सलाहुद्दीन व भाजपा छोड़ जदयू का दामन थाम चुके कुर्सेल गांव निवासी जुबैर आलम सहित कई अन्य भी जदयू की टिकट के लिए भाग दौड़ कर रहे हैं. यही नहीं बल्कि सूत्रों पर भरोसा करें तो कई निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनावी जंग में उतरने के लिए ताल ठोक रहे हैं. ये देखना दिलचस्प होगा कि अगले दो तीन दिनों में हालात क्या करवट बदलते है. मान मनव्वल का क्या नतीजा निकलता है. लेकिन इतना तय लगता है कि संघर्ष बहुकोणीय होगा. जानकारी बताते हैं कि उम्मीदवारों की संख्या बढ़ने की एक वजह पलासी प्रखंड के 10 पंचायतों का जोकीहाट विधानसभा में शामिल होना भी है. जोकीहाट विधानसभा क्षेत्र में पलासी के 10 व जोकीहाट प्रखंड के सभी 27 पंचायत शामिल हैं. नौशाद आलम, मुर्शिद आलम व मो शब्बीर का संबंध पलासी प्रखंड से ही है.

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