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फाइल- 21-भीषण आग ने मचायी तबाही सैकड़ों एकड़ खेत का पशु चारा जलकर राखचौसा राजपुर की फायर ब्रिगेड टीम गांव में घूम कर बुझाती रही आग

भीषण आग ने मचाई तबाही सैकड़ों एकड़ खेत का पशु चारा

25 अप्रैल- फोटो- 18- आग बुझाते दमकल कर्मी व ग्रामीणराजपुर. प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांव में गुरुवार को भीषण आग ने तबाही मचा दिया. इस भीषण आग की चपेट में आए सैकड़ों एकड़ खेत में पड़ा पशु चारा के लिए डंठल जलकर पूरी तरह से राख हो गया. घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार नागपुर गांव के बधार में किसी के द्वारा खेत में कहीं से आग लगा दिया गया. जिससे निकली चिंगारी धीरे-धीरे सुलगना शुरू हो गया. 10:00 बजते ही तेज पछुआ हवा बहने के साथ ही वह आग बहुत ही काफी तेज रफ्तार के साथ आगे बढ़ना शुरू कर दिया. आग की तेज लपटे एवं धुआं को देख इस गांव से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर बीच में बसा पिपरा गांव के ग्रामीणों ने चिल्लाना शुरू कर दिया. ग्रामीणों ने फायर ब्रिगेड को सूचित किया. जिसकी सूचना पहुंची टीम ने गांव के ग्रामीणों को सुरक्षित बचा लिया. लेकिन आग ने अपना तांडव रूप नहीं छोड़ा. बहुत ही तेजी के साथ बढ़ते हुए लगभग तीन किलोमीटर का सफर तय कर मंगराव गांव के बधार में पहुंच गया. यहां भी इसने भीषण तबाही मचा दिया. तब तक थाना अध्यक्ष संतोष कुमार ,एसआई ज्योति कुमारी एवं फायर ब्रिगेड के दमकल कर्मी अपने गाड़ियों के साथ तत्काल यहां पहुंचकर आग बुझाने का काम शुरू कर दिया. घंटे भर मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया. एक गांव का आग बुझते ही दूसरे गांव में फायर ब्रिगेड की टीम पहुंच जाती. सैकड़ो एकड़ खेत में काटे गए गेहूं के डंठल पशु चारा के लिए रखा गया था.जल कर पूरी तरह से नष्ट हो गया. गांव के ग्रामीणों ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि इस बार पशुओं के लिए भारी तबाही होगी. पशु चारा तो नष्ट हो ही गया खेत में लगे हरी घास भी पूरी तरह से जलकर नष्ट हो गई है.अब पशु पालक किसानों के समक्ष गंभीर समस्या हो गई है.कहीं-कहीं कुछ किसानों के खेत में अभी गेहूं लगा हुआ था. वह भी इसकी चपेट में आकर जल गया है. इसके अलावा क्षेत्र के कजरिया,कठजा, उतड़ी,भरखरा,ददुरा, हरपुर के अलावा अन्य गांव के बधार में भी भीषण आग ने तबाही मचाया. अगर समय पर फायर ब्रिगेड की टीम नहीं पहुंचती तो बस्ती में भी भयावह स्थिति होता.

नहीं मिला पानी देखते रहे ग्रामीण

आज के विकराल रूप को देख ग्रामीण डरे सहमे चीखने चिल्लाने के अलावा उनके पास कोई अब रास्ता नहीं था. हालांकि हाथ में डंडा लेकर बुझाने का प्रयास तो किया. दूर-दूर तक पानी नहीं होने से कोई विकल्प नहीं दिखाई दे रहा था. अगर तालाब पोखर में पानी रहता तो आग की इतनी भयावह स्थिति नहीं होती.क्षेत्र के समाज सेवी मकरध्वज सिंह, शिक्षक अरविंद राम, मिथिलेश सिंह,अरबिंद कुशवाहा ने बताया कि अगर तालाब पोखर में पानी होता तो लोग स्वयं पानी से आग पर काबू पा सकते थे. आग के विकराल रूप एवं तेज आंधी की वजह से बिजली आपूर्ति भी पूरी तरह से बाधित हो गई थी. इसकी वजह से किसानों के खेत में लगा समरसेबल भी चालू नहीं हो पाया. हालांकि क्षेत्र में भ्रमण पर निकले बिजली कर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए कुछ ही समय बाद बिजली आपूर्ति शुरू कर दिया. ग्रामीणों ने समरसेबल को चालू कर आग पर काबू पाया. गंभीर आग लगी की घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि गांव के आसपास पानी का होना बहुत जरूरी है.

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