पटना: आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने शुक्रवार को बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के जूनियर इंजीनियर सुनील कुमार के छह ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की. पटना व गया में हुई छापेमारी में इओयू ने पांच करोड़ से भी अधिक संपत्ति बरामद की है. इस संबंध में जूनियर इंजीनियर के खिलाफ आय से अधिक संपति का मामला (कांड संख्या-06/2014) दर्ज किया गया है. आरोपित जूनियर इंजीनियर का बोधगया में आलीशान होटल है. छापेमारी के दौरान में कई ऐसे दस्तावेज भी हाथ लगे हैं, जिनसे पुल निर्माण निगम के और भी अधिकारी शक के घेरे में हैं.
एडीजी (मुख्यालय) रवींद्र कुमार ने बताया कि पुल निर्माण निगम के पटना कार्यालय में पदस्थापित सुनील कुमार के पटना के रुपसपुर थाने के सिद्धार्थ नगर स्थित पार्वती अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर-501, पार्वती पैलेस के बेसमेंट स्थित दीपश्री प्रोपर्टीज के कार्यालय, सगुना मोड के पास खगौल रोड में निर्माणाधीन जनक पैलेस स्थित कार्यालय, गया के गोदावरी मुहल्ला स्थित हरि-पार्वती निवास (पैतृक आवास), बोधगया स्थित उनके होटल तथागत इंटरनेशनल और पटना के दारोगा राय पथ में पुल निर्माण निगम के कार्यालय की तलाशी ली गयी. इसमें कुल चार करोड़, 33 लाख, 23 हजार, 823 रुपये की चल संपत्ति और 53 लाख, 09 हजार, 23 रुपये की चल सपंत्ति का खुलासा हुआ है. एडीजी के अनुसार, बरामद संपत्ति का आकलन फिलहाल उसके रजिस्ट्री मूल्य के आधार पर किया गया है.
बाजार मूल्य पर मूल्यांकन करने बरामद संपत्ति की कीमत कई गुना अधिक होगी. बरामद कुल संपत्ति चार करोड़, 86 लाख, 33 हजार, 057 रुपये की आंकी गयी है. बोधगया के होटल तथागत इंटरनेशनल के निर्माण व आंतरिक सज्जा पर खर्च की गयी राशि का मूल्यांकन अभी नहीं किया गया है. उन्होंने बताया कि सुनील कुमार दीपश्री प्रोपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी भी चला रहे थे. इसमें किये गये निवेश का भी अभी आकलन नहीं किया गया है. साथ ही सगुना रोड स्थित हरि पैलेस अपार्टमेंट में फ्लैट नंबर-601 का भी पता चला है. इसका सत्यापन किया जा रहा है.
फंसेंगे पुल निर्माण निगम के कई अफसर !
छापेमारी के दौरान कई ऐसे दस्तावेज भी हाथ लगे हैं, जिससे पुल निर्माण निगम के कई अन्य अधिकारी शक के घेरे में हैं. हालांकि एडीजी (मुख्यालय) ने कहा कि अभी जांच चल रही है और दस्तावेजों की जांच पूरी होने के बाद ही इस संबंध में आधिकारिक तौर पर कुछ कहा जा सकता है. पर, सूत्र बताते हैं कि निगम के कई और इंजीनियरों के भ्रष्टाचार से संबंधित कागजात बरामद किये गये हैं.