Bihar News: बिहार सरकार ने राज्य की सभी जेलों में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. अब दिल्ली के तिहाड़ जेल और हिमाचल मॉडल की तरह बिहार की जेलों के हर वार्ड में हाई-रेजोल्यूशन सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. इसके लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में 155 करोड़ 38 लाख 36 हजार 153 रुपए की स्वीकृति दी गई है. इस पूरे प्रोजेक्ट का मकसद कैदियों की गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखना और जेल के अंदर होने वाली मनमानी पर पूरी तरह रोक लगाना है.
जेलों में अब कैदियों की ऐशोआराम की जिंदगी खत्म होगी
गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि राज्य की जेलों में अब कैदियों की ऐशोआराम की जिंदगी खत्म होगी. हर गतिविधि पर 24 घंटे नजर रखी जाएगी, जिससे सुरक्षा के साथ अनुशासन भी पहले से ज्यादा मजबूत होगा. फिलहाल पटना के बेउर जेल में करीब 50 कैमरे लगे हुए हैं, लेकिन नए सिस्टम के बाद यह संख्या कई गुना बढ़ जाएगी.
सेंट्रल जेलों में 350 से 400 कैमरे लगाए जाएंगे
योजना के अनुसार राज्य की आठों सेंट्रल जेलों में 350 से 400 कैमरे लगाए जाएंगे. वहीं मंडल और उप-मंडल कारा में 75 से 100 कैमरे लगेंगे. हर जेल में एक या दो कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे, जहां बड़े मॉनिटर पर लगातार लाइव फुटेज देखी जाएगी. इसके लिए अलग से प्रशिक्षित कर्मचारियों की तैनाती भी होगी.
बेल्ट्रॉन ने तैयार किया है प्रस्ताव
बजट में कैमरों के रखरखाव, संचालन और आवश्यक मैनपावर की लागत भी शामिल की गई है. साथ ही परामर्श शुल्क, आकस्मिक खर्च और बेल्ट्रॉन का मार्जिन भी परियोजना का हिस्सा है. पूरा प्रस्ताव बेल्ट्रॉन ने तैयार किया है, जो इस प्रोजेक्ट को तकनीकी रूप से भी सपोर्ट करेगा.
नए कैमरा नेटवर्क से जेलों में सुरक्षा खामियों पर लगाम लगेगी, अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण होगा और कैदियों की हर हरकत रिकॉर्ड में रहेगी. सरकार का मानना है कि इससे जेल प्रशासन की कार्य क्षमता बढ़ेगी और कानून-व्यवस्था को भी नई मजबूती मिलेगी.

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