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बिहार: उड़ रही कानून की धज्जी, आठ साल का दूल्हा व पांच साल की दुल्हन

-एसडीओ ने शुरू की मामले की जांच -परिजनों ने कहा, परंपरा है कोई अपराध नहीं फुलपरास, मधुबनीः विजय की उम्र आठ साल है. तीसरी कक्षा में पढ़ता है. सविता पांच साल की है. वह पहली कक्षा में पढ़ती है. उम्र के लिहाज से दोनों जिंदगी के शब्द से भी अनजान हैं. गुरुवार की रात दोनों […]

-एसडीओ ने शुरू की मामले की जांच

-परिजनों ने कहा, परंपरा है कोई अपराध नहीं

फुलपरास, मधुबनीः विजय की उम्र आठ साल है. तीसरी कक्षा में पढ़ता है. सविता पांच साल की है. वह पहली कक्षा में पढ़ती है. उम्र के लिहाज से दोनों जिंदगी के शब्द से भी अनजान हैं. गुरुवार की रात दोनों को परिणय सूत्र में बंध गये. यकीनन यह दोनों के माता-पिता व परिवार की मर्जी है, लेकिन ये नन्हे दूल्हा-दुल्हन खुश हैं. शादी के मौके पर इन्हें नये कपड़े व गहने जो मिले हैं.

दरअसल, गुरुवार की रात थाना क्षेत्र के हुलासपट्टी गांव में भुट्टी मल्लिक की पुत्री पांच वर्षीय सविता व धौसही के राजदेव मल्लिक के पुत्र विजय की शादी हुई. पारंपरिक हिंदू रीति रिवाज से दोनों का विवाह हुआ. इस विवाह में वर व वधू पक्ष से 250 से अधिक लोगों ने शिरकत की. शादी में पारंपरिक गाना बजाना हुआ.

विवाह से भले ही बाल विहाह कानून की धज्जी उड़ गयी, लेकिन दोनों के परिजनों को इससे कोई सरोकार नहीं है. दूल्हे के पिता राजदेव खुश हैं. उन्होंने अपनी जिम्मेवारी पूरी की. चाचा घनश्याम मल्लिक का कहना है कि हमारे समाज में शादी जरूरी है, उम्र नहीं. हम लोगों की भी शादी इसी उम्र में हुई थी. सविता के पिता बेटी को विदा कर खुश हैं. लोग बताते हैं कि राजदेव व भुट्टी मल्लिक के बीच पहले से ही दोस्ती थी. अब रिश्तेदारी में तब्दील हो गयी. इन्हें कायदे कानून की कोई जानकारी नहीं है.

शादी से सरकार के बाल विवाह को रोकने के लिए किये जा रहे तमाम प्रयास पर एक बार फिर सवाल उठ गया है. जागरूकता अभियान पर करोड़ों रुपये विभिन्न संकायों में पानी की तरह बहाया जा रहा है. पर विजय व सविता की शादी उसके परिणाम को हकीकत तौर पर बताने के लिए काफी है. सूचना के बाद प्रशासनिक स्तर पर इस मामले को लेकर चिंता बढ़ गई है.

ब्रह्मपुरा पंचायत के मुखिया मो युनूस ने बताया है कि मल्लिक समाज में कम उम्र में शादियां होती आ रही हैं. यह प्रथा के तौर पर है. वहीं फुलपरास के एसडीओ विजय कुमार ने बताया है कि बाल विवाह कानूनन अपराध है. बच्चों की शादी कराने वाले माता-पिता भी इसमें दोषी माने जाते हैं. इस मामले की जांच करायी जा रही है. जांच के बाद दोनों पक्ष के अभिभावकों के खिलाफ कार्रवाई होगी.

बाल विवाह प्रतिबंधित है. इसे अपराध की श्रेणी में रखा जाता है. किसी भी स्तर पर कानून बाल विवाह की इजाजत नहीं देता है. हुलासपट्टी मामले में एसडीओ को जांच का आदेश दिया गया है. साथ ही दोषियों के खिलाफ अविलंब कार्रवाई करने को कहा गया है.

लोकेश कुमार सिंह, डीएम,मधुबनी

Prabhat Khabar Digital Desk
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