आरा. स्थानीय परिसदन में बिहार विधानसभा याचिका समिति ने जिले के सभी विभागों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान विभागों से जुड़े योजनाओं की एक एक कर समीक्षा की. समिति ने बैठक में मौजूद उप विकास आयुक्त सुरेश कुमार शर्मा से ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के संबंध में जब जानकारी मांगी तो डीडीसी द्वारा समिति को कोई संतोष जनक जवाब नहीं दिया गया. इस पर याचिका समिति ने नाराजगी व्यक्त की.
वहीं समिति के सदस्यों द्वारा आरा नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार के मामले पर नगर आयुक्त को बुलाने की मांग की. बावजूद इसके बैठक में नगर आयुक्त नहीं आये. इस मामले को लेकर याचिका समिति के सभापति ने सभी कागजातों के साथ पटना आने का आदेश दिया है.
वहीं समिति के अध्यक्ष ने बताया कि बैठक में बीना सूचना के नगर आयुक्त, उत्पाद विभाग के सहायक उत्पाद आयुक्त, स्वास्थ्य विभाग के सिविल सर्जन, माप तौल विभाग के अधिकारी, जल संसाधन विभाग के अधिकारी तथा आपूर्ति विभाग के अधिकारी अनुपस्थित रहे. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए याचिका समिति ने जिलाधिकारी पंकज कुमार पाल को बैठक से अनुपस्थित रहे सभी विभाग के पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण की मांग करने का निर्देश दिया है. साथ ही स्पष्टीकरण की प्रति याचिका समिति पटना का भी आदेश दिया है. समिति ने कहा कि बैठक से बीना सूचना के अनुपस्थित रहे पदाधिकारियों के विभाग के प्रधान सचिव को भी इस संबंध में कार्रवाई करने के लिए लिखा जायेगा. समिति ने समीक्षा के दौरान नगर आयुक्त के अनुपस्थिति में सीटी मैनेजर से आरा नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार से संबंधित कई सवाल पूछे. जिसका सीटी मैनेजर द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया.
सिर्फ नगर आयुक्त से पूछे जाने की बात कही गयी. इस पर समिति ने घोर नाराजगी जतायी. समिति ने पूछा कि वार्ड नं 11 में गली निर्माण कार्य की राशि 97 हजार 500 रुपये को किस नियम के तहत बीना टेंडर का 12,50,800 रुपया कर दिया गया. वहीं समिति ने जानना चाहा कि आरा नगर निगम में बीना क्रय समिति के गठन के ही किस नियम के तहत खरीदारी की जाती है. जब मार्केट में रिक्शा गाड़ी 14 हजार रुपये में उपलब्ध है तो आपके द्वारा किस नियम के तहत तिगनी राशि पर खरीद की गयी. फिर समिति ने कहा कि जब मार्केट में सीएफएल 1200 रुपये में उपलब्ध है तो आपके द्वारा 3600 रुपये में क्यों खरीद की गयी.वहीं सभी वाडरें में एक समान मजदूर क्यों नहीं दिये जा रहे है. वार्ड के साथ भेद भाव क्यों किये जा रहे है. किसी वार्ड में 12 दैनिक मजदूर तो किसी वार्ड चार दैनिक मजदूर किस नियम के तहत दी गयी है. इन सवालों का जवाब सीटी मैनेजर ने याचिका समिति से नगर आयुक्त से लेने को कहा. इस पर समिति ने नाराजगी व्यक्त करते हुए जिला प्रशासन के बतौर प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित डीडीसी से सभी कागजातों की जांच के लिए मुख्य याचिका समिति पटना में कागजात के साथ नगर आयुक्त को भेजने का आदेश दिया है. बैठक में याचिका समिति के सभापति श्याम बिहारी सिंह, संयोजक सत्यदेव सिंह, विधायक राजेश्वर राज, मीना द्विवेदी, मनोज कुशवाहा तथा पवन जयसवाल उपस्थित थे.