पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. आज उन्होंने ट्वीट कर बताया कि बार-बार अपील करने के बााद भी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहारियों को आहत करने वाला अपना बयान वापस नहीं ले रहे हैं, तो कल से हम ‘शब्दवापसी’ अभियान शुरू करने जा रहे हैं. इस अभियान से 50 लाख लोग जुड़ेंगे और हस्ताक्षर अभियान चलाकर नरेंद्र मोदी से अपने शब्द वापस लेने की मांग करेंगे. साथ ही वे अपना डीएनए सैंपल भी नरेंद्र मोदी जी को टेस्ट के लिए भेजेंगे.उन्होंने ट्वीट किया है कि बिहार की जनता अपने अपमान का माकूल जवाब देगी. नीतीश कुमार ने ट्विटर किया है कि नरेंद्र मोदी बार-बार बिहारियों का अपमान कर रहे हैं .
हमारा यह विश्वास है कि बिहार और बिहार की जनता को अपमानित करने वालों को यहाँ की जनता माकूल जवाब देगी
— Nitish Kumar (@NitishKumar) August 10, 2015
Inspite of our repeated pleas Modiji hasn't retracted his derogatory remarks on our DNA, we're going to launch शब्दवापसी /TakeBackYourWords
— Nitish Kumar (@NitishKumar) August 10, 2015
50 lakh people frm Bihar will be a part of 'Shabdwapasi' signature campaign,will also send samples for DNA test to Modi ji: Nitish Kumar
— ANI (@ANI) August 10, 2015
1st phase of 'Shabdwapasi' campaign will be completed with 'Swabhimaan rally' which will be held at Patna's Gandhi Maidan on 29th: N Kumar
— ANI (@ANI) August 10, 2015
नीतीश कुमार ने बताया कि वे कल राजद अध्यक्ष लालू यादव के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे और शब्दवापसी अभियान की शुरुआत करेंगे.सीएम नीतीश कुमार ने बताया कि इस महीने की 29 तारीख को पटना के गांधी मैदान में स्वाभिमान रैली का आयोजन किया जायेगा और इस ‘शब्दवापसी’ अभियान के प्रथम चरण की समाप्ति होगी.
गौरतलब है कि 25 जुलाई को बिहार दौरे पर आये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिवर्तन रैली को संबोधित करते हुए यह कहा था कि नीतीश कुमार के डीएनए में खराबी है. नरेंद्र मोदी के इस बयान के बाद नीतीश कुमार ने आपत्ति जतायी थी और कहा था कि उनके बयान से बिहारियों का स्वाभिमान आहत हुआ है.
वे बिहार के बेटे हैं और उनका डीएनए बिहारियों से अलग नहीं है. इसलिए जिन बिहारियों के वोट के बल पर वे प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे हैं, उनका सम्मान करने के लिए उन्हें अपना डीएनए वाला बयान वापस लेना चाहिए. इस संबंध में नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र भी लिखा था, जिसमेंउन्होंने उनसे डीएनए वाला बयान वापस लेने की मांग की थी.