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मांझी बोले राष्ट्रपति शासन का इरादा नहीं, कोर्ट ने दिया बडे फैसले नहीं लेने का आदेश

नयी दिल्ली, पटना: बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने आज कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करने का उनका कोई इरादा नहीं है, वहीं पटना उच्च न्यायालय ने उनकी सरकार को वित्तीय प्रभाव वाला कोई फैसला नहीं करने का निर्देश दिया है. राज्यपाल ने मांझी से शुक्रवार को विश्वासमत हासिल करने को […]

नयी दिल्ली, पटना: बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने आज कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करने का उनका कोई इरादा नहीं है, वहीं पटना उच्च न्यायालय ने उनकी सरकार को वित्तीय प्रभाव वाला कोई फैसला नहीं करने का निर्देश दिया है. राज्यपाल ने मांझी से शुक्रवार को विश्वासमत हासिल करने को कहा है.
न्यायमूर्ति इकबाल अहमद अंसारी और न्यायमूर्ति समरेंद्र प्रताप सिंह की खंडपीठ ने बिहार विधान परिषद में जदयू सदस्य नीरज कुमार की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि प्रतिवादी दैनिक मामलों से इतर ऐसा कोई फैसला न लें जिनके आर्थिक परिणाम हों. अदालत इस मामले की अब 19 फरवरी को सुनवाई करेगी.
इस मामले में नीरज ने मुख्यमंत्री मांझी के अलावा तीन अन्य प्रदेश के मुख्य सचिव, राज्यपाल के प्रधानसचिव और मुख्यमंत्री के प्रधानसचिव को प्रतिवादी बनाया है.अधिवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार और पूर्व मंत्री तथा पूर्व महाधिवक्ता पी के शाही ने अल्पमत वाली मांझी सरकार द्वारा नीतिगत निर्णय लिए जाने की ओर न्यायालय का ध्यान आकृष्ट कराया था.
उन्होंने न्यायालय को बताया कि मांझी मंत्रिमंडल ने 70 लाख रुपये तक के ठेके में अनुसूचित जाति एवं जनजाति समुदाय से आने वाले ठेकेदारों को प्राथमिकता दिए जाने, मुफ्त पोशाक एवं साइकिल योजना का लाभ पाने के लिए स्कूलों छात्र-छात्राओं के लिए उपस्थिति अनिवार्यता को 75 प्रतिशत से घटाकर सामान्य एवं आरक्षित वर्ग के लिए क्रमश: 60 एवं 55 प्रतिशत कर दिए जाने तथा पांच एकड भूमि वाले किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है.
प्रदेश के पूर्व मंत्री पीके शाही ने अपनी दलील में उत्तर प्रदेश में जगदम्बिका पाल सरकार को लेकर उच्चतम न्यायालय द्वारा लिए गए निर्णय का भी हवाला दिया है.मांझी के वकील एसबीके मंगल ने न्यायालय से कहा कि वह इस मामले में अपने मुवक्किल से विचार-विमर्श करेंगे.
गौरतलब है कि जदयू विधायक दल के नए नेता चुने गए नीतीश कुमार ने प्रदेश में नई सरकार बनाने का राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी के समक्ष दावा पेश किया है, जिन्हें जदयू, राजद, कांग्रेस, भाकपा और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन प्राप्त है. उन्होंने आरोप लगाया था कि मांझी के इन निर्णयों से राजकोष पर करीब 50 हजार करोड रुपये का अतिरिक्त भार आएगा.राज्यपाल ने मांझी को आगामी 20 फरवरी को बिहार विधानसभा में बहुमत हासिल करने का निर्देश दिया है.
Prabhat Khabar Digital Desk
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