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शरद ने नहीं कहा होगा कि मैं प्रधानमंत्री पद के योग्य नहीं: मांझी

पटना: जदयू अध्यक्ष शरद यादव द्वारा कथित तौर पर बिहार के मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की सादी पृष्ठभूमि की ओर इशारा करने और प्रधानमंत्री बनने के लिए उन्हें योग्य ना मानने की बात कहने पर मांझी ने आज कहा कि उन्हें विश्वास नहीं है कि यादव ने सच में प्रधानमंत्री के पद के लिए उनके पास […]

पटना: जदयू अध्यक्ष शरद यादव द्वारा कथित तौर पर बिहार के मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की सादी पृष्ठभूमि की ओर इशारा करने और प्रधानमंत्री बनने के लिए उन्हें योग्य ना मानने की बात कहने पर मांझी ने आज कहा कि उन्हें विश्वास नहीं है कि यादव ने सच में प्रधानमंत्री के पद के लिए उनके पास योग्यता ना होने से जुड़ी टिप्पिणयां की हैं.

मांझी ने संवाददाताओं से कहा, उन्होंने (शरद यादव) मांझी जैसी कुछ वंचित जातियों की सामाजिक स्थिति के बारे में सही बात कही, मैं भी उन्ही जातियों में से एक से आता हूं. उन्होंने कहा कि हालांकि उन्हें विश्वास नहीं है कि शरद यादव ने उनकी शैक्षिक योग्यता पर सवाल उठाए या उन्हें चतुर नहीं माना. मांझी ने ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम’ से निकलते हुए कहा, ‘मुझे यकीन है कि शरदजी ने ऐसा नहीं कहा होगा. मीडिया ने जरुर उनके बयान को तोडा-मरोड़ा होगा. मांझी ने कहा कि वह सात दिसंबर को मुख्यमंत्रियों के एक सम्मेलन में शामिल होने के लिए दिल्ली जाएंगे और इस दौरान इस मुद्दे पर यादव से बात करेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सच है कि अब भी उनकी खुद की मांझी जाति समेत बहुत सारी वंचित जातियां दुखद जीवन जी रही हैं. उन्होंने कहा, मुझे स्कूल भेजने पर मेरे माता-पिता को पीटा गया. इसके बावजूद मैं 1966 में स्नातक बनने में सफल रहा. मांझी ने कहा कि हालांकि उन्होंने कभी भी मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री बनने का सपना नहीं देखा लेकिन ऐसा नहीं है कि वे प्रधानमंत्री पद के लिए योग्य नहीं हैं. उन्होंने पूछा, प्रधानमंत्री पद के लिए क्या योग्यता चाहिए जो खुद मांझी के पास नहीं है.
मांझी ने कहा, ठोकर खाते-खाते सीएम बन गए, अगर और ठोकर मारे तो पीएम भी बन जाएंगे. उन्होंने एक बार फिर साफ किया कि उनकी अपने पूर्ववर्ती नीतीश कुमार से कोई प्रतिद्वंद्विता नहीं है और इस ‘गलत चित्रण’ के लिए मीडिया दोषी है.
मुख्यमंत्री ने कहा, मैंने नीतीशजी से बड़ी लकीर खींचने का जो दावा किया था, आजकल मीडिया उस पर विवाद पैदा कर रही है. उन्होंने कहा, मेरा यह मतलब था कि महादलितों के लिए भूमि आवंटन तीन डिसिमल से बढाकर पांच डिसिमल कर दिया जाए और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए नि:शुल्क शिक्षा को बढाकर विश्वविद्यालय स्तर तक करके, मैंने समाज के समाजिक रुप से वंचित वर्गों के लिए नीतीश कुमार द्वारा बनाया गया रोडमैप हाथ में लिया है. मांझी ने नीतीश को पार्टी का सर्वोच्च नेता बताया जिनके नेतृत्व में जदयू अगले साल विधानसभा चुनाव लडेगी.
गांधी मैदान के पास दशहरे के दिन हुई भगदड़ के लिए दोषी पाए गए अधिकारियों के खिलाफ सरकार द्वारा शुरु की गयी किसी तरह की कार्रवाई को लेकर सवाल पूछने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे लेकर प्रक्रिया जारी है. इस भगदड़ में 33 लोग मारे गए थे.
Prabhat Khabar Digital Desk
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