मधुबनी : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के साथ हाथ मिलाने का समर्थन करते हुए जदयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार ने आज कहा कि धर्मनिरपेक्ष दलों का यह गठबंधन भाजपा के सांप्रदायिक जहर के खिलाफ दवा के रुप में काम करेगा.बिहार विधानसभा की दस सीटों में राजनगर (सुरक्षित) विधानसभा सीट से राजद प्रत्याशी रामावतार पासवान के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए नीतीश ने आज कहा कि जदयू-राजद-कांग्रेस का गठबंधन देश में भाजपा के ‘जहर’ को निष्क्रिय करेगा.
20 साल पुरानी अपनी राजनीतिक प्रतिन्द्वद्विता को भुलाते हुए लालू प्रसाद के साथ कल हाजीपुर के जमालपुर गांव में पहली बार मंच साझा करते हुए नीतीश ने कहा कि यह वोट का बंटवारा को रोकने के लिए किया गया, जो हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव में भाजपा से हार का कारण रहा.
उन्होंने कहा कि भाजपा के खिलाफ धर्मनिरपेक्ष शक्तियों की बिहार से एकजुटता के इस नये प्रयोग की शुरुआत हुई है और इसका प्रसार देश के अन्य भागों में भी होगा. गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की धर्मनिरपेक्षता पर प्रश्न खडा करने वाली जदयू ने मोदी को भाजपा की चुनाव समिति का प्रमुख बनाए जाने पर नीतीश मोदी पर प्रहार करते हुए उन पर तथा उनकी पार्टी पर ‘अफवाह’ फैलाने का ‘मास्टर’ होने का आरोप लगाया.
नीतीश ने कहा कि हाल ही में नेपाल में भूस्खलन से बिहार के कोसी क्षेत्र में अचानक आने बाढ के खतरे को रोकने के बिहार सरकार ने कडी मेहनत की और यह पता चला कि उससे कोई बडा खतरा नहीं है. तब नरेंद्र मोदी की छवि चमकाने के लिए उनके बारे में यह प्रचारित किया गया कि अपनी नेपाल यात्र के दौरान उनके प्रयास का नतीजा है कि नेपाल सरकार ने यकायक नहीं थोडा-थोडा पानी छोडा.
नीतीश ने केंद्र सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि बढती मंहगाई और भ्रष्टाचार ने यह साबित कर दिया है कि अच्छे दिन आने वाले नहीं हैं और लुभावने वादे केवल वोट हासिल करने के लिए किए गए थे.
उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने से करीब चार लाख रुपये की नौकरी का सपना दिखाकर सोशल मीडिया के जरिए युवाओं की आंखों में धूल झोंका गया. बाहर के चतुर लोग बिहार के गांवों और छोटे शहरों में जाकर इस सपने को बेचा और मतदान समाप्त होते ही वे गायब हो गए.
नीतीश ने भाजपा सरकार पर बिहार को विशेष दर्जा और विशेष पैकेज का वादा कर उसे पूरा नहीं करने के लिए उसकी भर्त्सना की.
उन्होंने बिहार की जनता से हकीकत को समझते हुए उनसे कहा ‘लौट आईए, काम हम करेंगे, वह नहीं करेंगे.
नीतीश ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है जब वैसे लोग केंद्र में सत्ता में आए हैं जिनके पुरखों की देश की आजादी में कोई भूमिका नहीं थी, जबकि दूसरी तरफ हम महात्मा गांधी, राम मनोहर लोहिया और जयप्रकाश नारायण के अनुयायी हैं जिनके सतत प्रयास से देश को अंग्रेजों से मुक्ति मिली.