पटना: अगर कोई छात्र अपना नाम, जन्म तिथि या स्कूल बदल कर मैट्रिक की परीक्षा दुबारा देने की कोशिश करेगा, तो उसके सर्टिफिकेट को कैंसिल कर दिया जायेगा. इतना ही नहीं मैट्रिक के अलावा उस छात्र के इंटर के सर्टिफिकेट को भी बोर्ड कैंसिल कर देगा.
इसके लिए बोर्ड किसी तरह की छूट या सुविधा नहीं देगा. बिहार बोर्ड की ओर से यह फैसला हाल ही में लिया गया है. बोर्ड के पास आये दिन ऐसे केसेज पकड़ में आते है जिसमें छात्र ने स्कूल और जन्म तिथि बदल कर मैट्रिक का दुबारा परीक्षा देता है. ऐसे फर्जी काम दुबारा छात्र ना करें, इसके लिए ऐसे केसेज में अब इंटर के सर्टिफिकेट को कैंसिल कर दिया जायेगा. इसके अलावा फर्जी रूप से प्राप्त मैट्रिक के सर्टिफिकेट से अगर छात्र कहीं पर लाभ प्राप्त कर रहे हो, तो वहां पर भी जानकारी बोर्ड भेजेगा.
हर महीने तीन से चार केस आते हैं फर्जी : मुकेश कुमार सिंह सारण के रहने वाले है. इन्होंने दो बार 1999 और 2008 में मैट्रिक की परीक्षा पास किया. पहला परीक्षा आर उच्च विद्यालय रामपुर, प्रतापपुर, सारण से पास किया, वहीं दुबारा 2008 में मुकेश कुमार ने एमआएसडी उच्च विद्यालय नाराओ, सारण से परीक्षार्थी के रूप में मैट्रिक की परीक्षा पास की. पहले परीक्षा में मुकेश कुमार ने अपना जन्म तिथि 28 जनवरी 1984 दिया वहीं 2008 में जब मैट्रिक का फार्म भरा तो जन्म तिथि 16 मई 1990 बताया. दोनों की बार मुकेश कुमार द्वितीय श्रेणी में मैट्रिक की परीक्षा पास किया. अब जब बोर्ड के पास मामला सामने आया तो तुरंत मुकेश कुमार के 2008 के मैट्रिक के सर्टिफिकेट को कैंसिल कर दिया गया. मुकेश कुमार जैसे केस बिहार बोर्ड के पास हर महीने तीन या चार की संख्या में आते है. ऐसे में इसकी पूरी तहकीकात की जाती है. पकड़ में आने के बाद उस छात्र के सर्टिफिकेट को कैंसिल कर दिया जाता है.
कंप्यूटर पर पकड़ में आ जाते हैं ऐसे छात्र
समिति की ओर से तमाम सर्टिफिकेट को कंप्यूटराइज किया जा रहा है. ऐसे में वो छात्र आसानी से पकड़ में आ जाते है. बोर्ड से मिली जानकारी के अनुसार ऐसे फर्जी सर्टिफिकेट को बनाने के लिए बोर्ड काफी परेशान होता है. इस कारण अब इस पर कड़े नियम बनायें जायेंगे. अभी तक बस मैट्रिक का सर्टिफिकेट कैंसिल किया जाता था. लेकिन ऐसे छात्र के इंटर के सर्टिफिकेट भी कैंसिल होंगे. इसके अलावा अगर छात्र उस मैट्रिक के सर्टिफिकेट का लाभ उठाकर कहीं पर उसका फायदा उठा रहा हो तो उसे भी जानकारी भेजी जायेगी. इसके अलावा छात्र के अभिभावक को भी इससे अवगत करवाया जायेगा.
दुबारा मैट्रिक की परीक्षा देना है अवैध
समिति की पूर्वानुमति के बिना किसी परीक्षार्थी द्वारा जन्म तिथि नाम बदलकर माघ्यमिक परीक्षा में सम्मिलित होना अनियमित एवं अवैध है. अतएव समिति की विनियमावली 1964 की अध्याय 5 की कंडिका 19 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत छात्र का वार्षिक माध्यमिक परीक्षा का सर्टिफिकेट रदद कर दिया जाता है.
न करें ऐसा, नहीं तो फंस जायेगा मामला
छात्र अपने गलत नाम का उपयोग कर मैट्रिक की परीक्षा न दें
जन्म तिथि या स्कूल के नाम बदल कर न दें मैट्रिक की परीक्षा
पिता का नाम या अपना नाम बदल कर परीक्षा न दें

