पटना: राज्यसभा चुनाव के बाद अब 11 सीटों पर होनेवाले विधानसभा उपचुनाव में जदयू व राजद की दोस्ती पर नजर है. भाजपा को रोकने के लिए दोनों दलों के बीच समझौता हो सकता है. जिन सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें सात भाजपा के कब्जेवाली हैं.
एक सीट निर्दलीय ने जीती थी. दोनों दलों के बीच मिल कर चुनाव लड़ने की सहमति बनी, तो भाजपा कोटे की सीटों का आपस में बंटवारा हो सकता है. लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा की 10 सीटें खाली हुई हैं. एक सीट निर्दलीय सोम प्रकाश का निर्वाचन रद्द होने से खाली हुई है. जिन सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें तीन परबत्ता, बांका व राजनगर को राजद, जबकि सात जाले, मोहिद्दीनगर, भागलपुर, मोहनिया, छपरा, नरकटियागंज व हाजीपुर को भाजपा ने जीता था.
उपचुनाव की घोषणा के बाद आगे बढ़ेगी बात : मांझी सरकार को समर्थन व राज्यसभा चुनाव के बाद उपचुनाव में जदयू-राजद में चुनाव लड़ने की सहमति बनती है, तो दिलचस्प मुकाबला होगा. दोनों दलों के कार्यकर्ताओं में भी गंठबंधन को लेकर चर्चा है. लालू प्रसाद के बाद अब जदयू नेता नीतीश कुमार ने भी गंठबंधन के संकेत दिये हैं. जब उपचुनाव की घोषणा होगी, तब सहमति की बात आगे बढ़ेगी, इस संभावना से दोनों दल इनकार नहीं कर रहे हैं. यदि जदयू व राजद के बीच तालमेल होता है, तो इसे भाजपा के खिलाफ विधानसभा चुनाव के पहले ट्रायल के रूप में देखा जा सकता है. भाजपा भी इन सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है. पार्टी ने 26 जून को बैठक भी बुलायी है.