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तलाक ले लो, अन्यथा केस कर के फंसा देंगे

पटनाः मुंगेर के रहनेवाले संजय कुमार अपनी दारोगा पत्नी श्वेता गुप्ता से परेशान हैं. श्वेता गुप्ता सदर महिला थाना पूर्णिया में पदस्थापित है. उनकी पत्नी ने बेटी के अपहरण का झूठा केस कर उन्हें जेल भिजवाया. अब वह धमकी दे रही है कि तलाक ले लो, अन्यथा केस करा कर फंसा देंगे. सारा जीवन जेल […]

पटनाः मुंगेर के रहनेवाले संजय कुमार अपनी दारोगा पत्नी श्वेता गुप्ता से परेशान हैं. श्वेता गुप्ता सदर महिला थाना पूर्णिया में पदस्थापित है. उनकी पत्नी ने बेटी के अपहरण का झूठा केस कर उन्हें जेल भिजवाया. अब वह धमकी दे रही है कि तलाक ले लो, अन्यथा केस करा कर फंसा देंगे. सारा जीवन जेल में बीतेगा. रविवार को संजय कुमार ने पत्रकारों से अपनी पत्नी के अत्याचार की कहानी सुनायी.

उन्होंने बताया कि नाथनगर (भागलपुर) में जुलाई 2009 में ट्रेनिंग के दौरान एसटीएफ के दारोगा नीरज कुमार से परिचय के बाद से उसके व्यवहार में बदलाव आया है. तलाक के लिए दबाव बनाने के लिए आठ वर्षीया बेटी के अपहरण का झूठा केस दानापुर कोर्ट में कराया. इस मामले में उसे पांच माह बेऊर जेल में रहना पड़ा. उसने इस मामले में न्याय दिलाने के लिए पुलिस के वरीय अधिकारियों को पत्र लिखा है. साथ ही मानवाधिकार आयोग सहित राष्ट्रपति व राज्यपाल को लिखा है.

2007 बहाली में चयनित हुई थी श्वेता : 2007 में दारोगा बहाली में श्वेता गुप्ता का चयन हुआ. जुलाई, 2009 में नाथनगर में ट्रेनिंग के लिए गयी. संजय ने आरोप लगाया कि ट्रेनिंग के दौरान एसटीएफ दारोगा नीरज कुमार से परिचय के बाद श्वेता गुप्ता का व्यवहार बदलने लगा. मुख्यमंत्री के जनता दरबार में आवेदन देकर 2013 में श्वेता का तबादला पटना से पूर्णिया कराया, ताकि घर बरबाद होने से बच जाये, लेकिन नीरज वहां भी जाता रहा. इसकी शिकायत संजय ने पूर्णिया के एसपी से की. इससे आक्रोशित श्वेता गुप्ता ने 30 जुलाई, 2013 को अपहरण का झूठा केस दर्ज करा दिया.

महिला थाने में हुई थी काउंसेलिंग : पति-पत्नी के बीच आपसी मतभेद को दूर कराने लिए 6 जुलाई, 2011 को गांधी मैदान स्थित महिला कोषांग काउंसेलिंग इकाई में दोनों के बीच सुलहनामा हुआ था. सुलहनामा पर पति-पत्नी हस्ताक्षर किये थे. उस समय श्वेता पालीगंज थाना में पदस्थापित थी.

केस के चक्कर में छूटी नौकरी : संजय कुमार ने बताया कि केस को लेकर बार-बार पटना आना पड़ता था. इससे उसकी नौकरी छूट गयी. अब वह पूरी तरह से बेरोजगार हैं. फैमिली कोर्ट में तलाक का मामला चल रहा है.

मेरी कमाई पर नजर : श्वेता गुप्ता

एसआइ श्वेता गुप्ता ने बताया कि मेरे साथ रहना उन्हें पसंद नहीं है. अब उनका अत्याचार बरदाश्त नहीं हो रहा है. पहले भी अक्सर वे अत्याचार करते थे. महाराष्ट्र में भी उनकी देखरेख ठीक से नहीं करते थे. 2006 से ही अलग रह रहे हैं. तीन साल तक खोज खबर नहीं ली. पटना में मायके में रह कर पढ़ाई की व नौकरी पायी. उनकी नजर मेरी कमाई पर है. जिस दारोगा नीरज कुमार के साथ परिचय की बात करते हैं. वह मेरा छोटा भाई है. विगत चार साल से वह उसे राखी बांधती है. जहां तक संजय कुमार की नौकरी जाने की बात है, वह उनके कारण से गयी है. वह बेटी सौंपने के लिए तैयार हैं, लेकिन संजय कुमार के साथ रहना पसंद नहीं है.

दस साल पहले हुई थी शादी

मुंगेर के दलहट्टा बाजार के संजय की शादी खगौल की श्वेता के साथ 2004 में हुई थी. संजय जलगांव (महाराष्ट्र) में रेमंड टेक्सटाइल में सुपरवाइजर के पद पर काम करता था. जलगांव में संजय ने मकान खरीदा था,जिसमें वह पत्नी व बेटी के साथ रहता था. 2006 में श्वेता गुप्ता ने लड़की को जन्म दिया.

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