छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग तथा सरगुजा संभाग के 22 जिलों के कुल 70 विधानसभा क्षेत्रों में शुक्रवार (17 नवंबर) को शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हो गया. 75.08 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. इसके साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव, आठ राज्य मंत्रियों और चार संसद सदस्यों समेत 958 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में लॉक हो गई. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने बताया कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में मतदाताओं में जबर्दस्त उत्साह देखा गया. पुरुष, महिला, युवा और तृतीय लिंग के मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्सा लिया. दिव्यांगजनों एवं बुजुर्गों ने भी मतदान केंद्र पहुंचकर अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. नक्सल प्रभावित गरियाबंद जिले में बारूदी सुरंग में नक्सलियों ने विस्फोट कर दिया, जिसमें मतदान दल की सुरक्षा में तैनात भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के प्रधान आरक्षक जोगिंदर सिंह शहीद हो गए. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटना जिले के मैनपुर थाने के बड़ेगोबरा गांव के जंगल में हुई.
इन मतदान केंद्रों पर 100 फीसदी वोट
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि भरतपुर-सोनहत के बूथ संख्या 143 शेराडांड में पांच मतदाताओं के लिए अस्थायी मतदान केंद्र बनाया गया था. कांटो में 12 वोटरों के लिए, रेवला में 23 मतदाताओं के लिए मतदान केंद्र बनाए गए थे. तीनों मतदान केंद्र गुरु घासीदत्त नेशनल रिजर्व फॉरेस्ट में हैं. मतदान दलों को यहां पहुंचने के लिए लंबी पैदल यात्रा करनी पड़ी. इस दौरान इन्हें नदी-नालों को भी पार करना पड़ा. तीनों मतदान केंद्रों पर 100 प्रतिशत मतदान हुआ. उन्होंने बताया कि गरियाबंद जिले के बिंद्रानवागढ़ में नक्सल प्रभावित अतिसंवेदनशील दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र पर स्थित मतदान केंद्र आमामोरा एवं ओढ़ में मतदान दल ने सात-आठ किलोमीटर की लंबी पैदल यात्रा की. नदी/नाले पार करके मतदान केंद्र पहुंचे. आमामोरा में 80 प्रतिशत और ओढ़ में 79.33 फीसदी मतदान हुआ. एक मतदान दल की वापसी के दौरान नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट कर दिया, जिसमें पोलिंग पार्टी की सुरक्षा में लगे एक आईटीबीपी जवान की मौत हो गई.
9424 मतदान केंद्रों की वेबकास्टिंग
दूसरे चरण की वोटिंग के लिए 18,833 मतदान केंद्र बनाए गए थे. इनमें 727 संगवारी मतदान केंद्र, 71 दिव्यांग मतदान केंद्र एवं 71 युवा मतदान केंद्र बनाए गए थे. इनमें से 347 बूथ को आदर्श मतदान केंद्र बनाया गया था. 9,424 मतदान केंद्र पर वेब कास्टिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी. तकनीकी समस्या की वजह से 137 बैलट यूनिट, 113 सेंट्रल यूनिट और 349 वीवीपैट मशीन बदले गए. पहले चरण की तरह एनएसएस, एनसीसी, स्काउट-गाईड के कैडेट्स ने मतदान केंद्रों पर बुजुर्ग एवं दिव्यांग मतदाताओं की मतदान केंद्र पर मदद की. छत्तीसगढ़ की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय से जो आंकड़े उपलब्ध कराए गए हैं, उसमें सबसे ज्यादा 82.6 फीसदी वोटिंग कुरुद विधानसभा क्षेत्र में हुई है.
दूसरे चरण में भी पुरुष से ज्यादा महिला वोटर
छत्तीसगढ़ में कुल 1,63,14,479 मतदाता पंजीकृत थे, जिनमें 81,41,624 पुरुष और 81,72,171 महिला मतदाता थीं. 684 तृतीय लिंग के मतदाता भी थे. 18 से 19 वर्ष की आयु के 5,64,968 वोटर थे, जबकि दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 1,30,909 थी. 80 साल से अधिक आयु के 1,58,254 और 100 साल से अधिक उम्र के 2,161 और 15,392 सेवा मतदाता के अलावा 17 एनआरआई मतदाता भी वोट करने के अधिकारी थे. कंगाले ने बताया कि 700 बूथ ऐसे थे, जो महिलाओं के द्वारा संचालित किए गए. वहीं, दिव्यांगों ने 70 बूथ की जिम्मेदारी संभाल रखी थी. 350 मॉडल मतदान केंद्र बनाए गए थे. उन्होंने बताया कि 20 से 29 साल के 38,65,604 मतदाता थे, 30 से 40 वर्ष के 51,75,042 वोटर थे, 41 से 60 साल के मतदाताओं की संख्या 49,94,357 और 60 साल से अधिक उम्र के 17,14,508 मतदाता शामिल थे. हालांकि, निर्वाचन पदाधिकारी ने यह नहीं बताया है कि कितने एनआरआई वोटर ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. दूसरे चरण में भी पुरुष वोटर से महिला वोटर ज्यादा थीं. वोटर लिंगानुपात 1004 था. हर मतदान केंद्र पर औसत मतदाताओं की संख्या 866 रही.