नयी दिल्ली : रियो ओलंपिक 74 किलोग्राम फ्री स्टाइल कुश्ती में नरसिंह यादव की जगह प्रवीण राणा को भेजा गया है. इस भार वर्ग में पहले नरसिंह यादव का सेलेक्शन हुआ था. लेकिन कुछ दिन पूर्व की डोप टेस्ट में फेल होने के बाद नरसिंह यादव पर सवाल खड़े किये जाने लगे. अब राणा का नाम भारतीय ओलंपिक संघ को भेज दिया गया है. राणा वही पहलवान हैं, जिन्हें नरसिंह यादव ने फाइनल ट्रायल में शिकस्त दी थी. रियो ओलंपिक में जाने के सवाल पर राणा ने कहा कि ‘रियो जाने पर खुश हूं और अपनी तरफ से बेहतर प्रदर्शन करुंगा. नरसिंह को अपना भाई मानता हूं और नरसिंह के रियो नहीं जाने का मुझे दु:ख है.
विभिन्न पक्षों द्वारा पहलवान नरसिंह यादव का समर्थन किए जाने के बीच केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने मंगलवार को कहा था कि अगर उनके मामले में कोई नया घटनाक्रम नहीं होता है तो वह ओलंपिक में भाग नहीं ले सकेंगे. डोप टेस्ट में नाकाम रहने के बाद नरसिंह यादव आगामी रियो ओलंपिक से एक तरह से पहले ही बाहर हो गये थे. खेल मंत्री ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि नरसिंह के मामले में उन्होंने कल ही स्पष्टीकरण दे दिया है और अगर इस मामले में कोई नया घटनाक्रम नहीं होता है तो वह ओलंपिक खेलों में भाग नहीं ले पाएंगे.
दूसरी ओर नरसिंह यादव के डोप टेस्ट में विफल रहने में हाथ होने की अफवाहों को बकवास करार देते हुए नाराज सतपाल सिंह ने कहा कि बिना किसी सबूत के उन पर और उनके शिष्य पर अंगुली उठाना गलत है. सतपाल ने कहा कि उनके खिलाफ आरोप आधारहीन हैं और वह किसी भी जांच का सामना करने को तैयार हैं. जाने माने कुश्ती कोच और दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार के ससुर सतपाल ने ‘टाइम्स नाउ’ से कहा, ‘वे ये दिखाने का प्रयास कर रहे हैं कि सतपाल और उनकी टीम ने यह किया है लेकिन हमारा इससे कोई लेना देना नहीं है. बिना सबूत के हमारे खिलाफ आरोप मत लगाइये। अगर आपके पास सबूत है तो सामने आइये.’ उन्होंने कहा, ‘नरसिंह डोप टेस्ट में नाकाम रहा है. सुशील, सतपाल का नाम कहां से आया. निजी तौर पर मैं काफी दुखी था जब मैंने नरसिंह के डोप परीक्षण में विफल रहने की खबर सुनी क्योंकि मैं देश के लिए पदक चाहता था.’