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बीसीसीआइ को आरटीआइ के दायरे में लाना जायज

नोएडाः पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज चेतन चौहान ने कहा है कि बीसीसीआइ को सूचना अधिकार अधिनियम (आरटीआइ) के दायरे में लाना जायज है. उन्होंने कहा, ह्यसिर्फ बीसीसीआइ ही नहीं, देश के जितने भी खेल संघ हैं, उन सभी को आरटीआइ के दायरे में लाना चाहिए.ह्ण इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह राय […]

नोएडाः पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज चेतन चौहान ने कहा है कि बीसीसीआइ को सूचना अधिकार अधिनियम (आरटीआइ) के दायरे में लाना जायज है. उन्होंने कहा, ह्यसिर्फ बीसीसीआइ ही नहीं, देश के जितने भी खेल संघ हैं, उन सभी को आरटीआइ के दायरे में लाना चाहिए.ह्ण इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह राय मेरी निजी है. इसे बीसीसीआइ से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए. वह शनिवार को नोएडा में पूर्व भारतीय कप्तान चंदू बोर्डे के नाम पर बनी क्रिकेट अकादमी के उद्घाटन अवसर पर संबोधित कर रहे थे. इस समारोह में खुद चंदू बोर्डे भी मौजूद थे. इस मौके पर पूर्व कप्तान चंदू बार्डे ने जोर देते हुए कहा कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य उज्जवल है और प्रतिभाशाली खिलाडि़यों की भरमार को देखते हुए भारत आसानी से दो राष्ट्रीय टीमें उतार सकता है. बोर्डे ने कहा, ह्यअब हमारे देश में इतनी प्रतिभा है कि हम आसानी से दो टीमें बना सकते हैं.ह्ण उन्होंने कहा, ह्यभारतीय क्रिकेट का भविष्य बहुत उज्जवल है.ह्ण दो बार राष्ट्रीय चयन समिति के अध्यक्ष रह चुके बोर्डे ने कहा कि मौजूदा समय में घरेलू क्रिकेट के जीर्णोद्धार से खिलाडि़यों को अपनी काबिलियत दिखाने के काफी मौके मिलते हैं.

बोर्डे ने कहा, ह्यहालांकि, खिलाडि़यों को अब रणजी ट्रॉफी में लीग प्रणाली के कारण अपनी प्रतिभा दिखाने का काफी मौका मिलता है. हमारे दिनों में यह नॉकआउट टूर्नामेंट था. बहुत कम खिलाडि़यों को खुद की काबिलियत दिखाने का एक से ज्यादा मौका मिलता था.ह्ण उन्होंने कहा कि देश में खुली क्रिकेट अकादमियां, जैसी का आज उन्होंने उद्घाटन किया, भी युवा प्रतिभाओं को निखारने में मददगार साबित हो रही हैं.

बोर्डे ने कहा, ह्यअकादमियां युवा प्रतिभा को तराशने और निखारने में मदद करती हैं. यह भी अच्छा है कि कई पूर्व क्रिकेटर, जिसमें रणजी ट्रॉफी खिलाड़ी भी शामिल हैं, भी खेल के विकास के लिए स्कूलों और कॉलेज से किसी ने किसी तरह से जुड़े हुए हैं.ह्ण उन्हें लगता है कि अब भारतीय क्रिकेटरों का क्षेत्ररक्षण काफी सुधरा हुआ है, जबकि बीते समय में ऐसा नहीं था. भारत की ओर से 55 टेस्ट मैचों में खेल चुके बोर्डे ने कहा, ह्यहमारे दिनों में क्षेत्ररक्षण के लिए ट्रेनिंग कराने के लिए हमारे पास कोई नहीं था.ह्ण पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज चेतन चौहान भी बोर्डे से सहमत थे और उन्होंने कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग ने भारतीय खिलाडि़यों के क्षेत्ररक्षण स्तर में सुधार करने में बड़ी भूमिका अदा की है.

उन्होंने कहा, ह्यअब कोई भी क्षेत्ररक्षण करते हुए उछलने, लुढ़कने और डाइव करने में हिचकता नहीं है.ह्ण चौहान इस उद्घाटन समारोह में अतिथि थे. उन्होंने कहा, ह्यपहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर का मतलब दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई और कोलकाता के खिलाड़ी हुआ करते थे, लेकिन अब भारतीय टीम में छोटे शहरों के कई खिलाड़ी हैं.ह्ण बीसीसीआइ को आरटीआइ अधिनियम के अंतर्गत लाने के लिए चल रहे वाद-विवाद के बारे में पूछने पर चौहान ने कहा, ह्यसिर्फ बीसीसीहआइ ही क्योें, देश की सभी खेल संस्थाओं को आरटीआइ के दायरे लाना चाहिए. आखिरकार ये संस्थायें लोगों के पैसों से चलती हैं लेकिन यह मेरी व्यक्तिगत राय है, यह डीडीसीए की राय नहीं है.ह्ण

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