आज हॉकी के जादूगर माने जाने वाले मेजर ध्यानचंद की जयंती है, उनके जन्मदिन को भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है. मेजर ध्यानचंद ऐसे खिलाड़ी थे जिन्होंने अपने अनोखे खेल से पूरे विश्व का ध्यान अपनी ओर खींचा ओलंपिक में अपनी टीम को सोना भी दिलाया.
मेजर ध्यानचंद जब मैदान पर होते थे, तो उनसे गेंद छीनना मुश्किल होता था. कहा जाता है कि जब गेंद उनके स्टिक से चिपकती थी, तो अच्छे से अच्छे खिलाड़ी भी उन्हें मात नहीं दे पाते थे. बॉल पर उनकी पकड़ को देखते हुए उनपर ऐसे आरोप भी लगे थे कि वे अपने स्टिक में चुंबक जैसी कोई चीज लगाकर रखते हैं. नीदरलैंड में अधिकारियों ने ध्यानचंद का हॉकी स्टिक तोड़ कर जांचा था कि कहीं उनके हॉकी स्टिक में चुंबक जैसी कोई चीज तो नहीं है.
ध्यानचंद का जन्म उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था. उन्होंने अपने कैरियर में 400 से अधिक गोल किये और वे विश्व के सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी बने. खेल के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें भारतरत्न देने की मांग की जाती रही है लेकिन अभी तक उन्हें यह सम्मान नहीं मिला है.