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चांदी जीतने के बाद बोलीं सिंधू, ताइ जू को हराया जा सकता है, हमारे बीच बहुत ज्यादा अंतर नहीं

जकार्ता : विश्व रैंकिंग में पहले स्थान पर काबिज ताइ जू यिंग से लगातार छठी हार के बाद एशियाई खेलों में रजत पदक पाने वाली भारतीय खिलाड़ी पीवी सिंधू ने कहा कि उसके खिलाफ किसी मानसिक दबाव नहीं थी और उसे ‘थोड़े धैर्य’ के साथ उसे हराया जा सकता है. ओलंपिक रजत पदक विजेता पी […]

जकार्ता : विश्व रैंकिंग में पहले स्थान पर काबिज ताइ जू यिंग से लगातार छठी हार के बाद एशियाई खेलों में रजत पदक पाने वाली भारतीय खिलाड़ी पीवी सिंधू ने कहा कि उसके खिलाफ किसी मानसिक दबाव नहीं थी और उसे ‘थोड़े धैर्य’ के साथ उसे हराया जा सकता है.

ओलंपिक रजत पदक विजेता पी वी सिंधू को एक बार फिर फाइनल में पराजय का सामना करना पड़ा. सिंधू को 34 मिनट तक चले मुकाबले में चीनी ताइपै की खिलाड़ी ने 31-13, 21-16 से हराया. सिंधू ने कहा कि उनके और चीनी ताइपै की खिलाड़ी के खेल में बहुत ज्यादा अंतर नहीं है और उसे हराया जा सकता है.

सिंधू ने कहा, बहुत ज्यादा अंतर नहीं है. हमें तैयार रहना होगा, जाहिर है हम हार के इस सिलसिले को खत्म करेंगे. ये आसान नहीं होगा लेकिन अगर हम अपनी पर गल्तियों में सुधार करेंगे तो उसे हरा सकते है. उन्होंने कहा, अगर मैं थोडे़ धैर्य के साथ खेलती तो नतीजा कुछ और हो सकता था. उसके खिलाफ अंक अर्जित करना आसान नहीं था क्योंकि उसका डिफेंस अच्छा है.ताइ जू का भारतीय खिलाड़ियों के खिलाफ रिकार्ड शानदार है जिसमें उसने साइना को सिंधू को मिलाकर 22 बार शिकस्त दी. सिंधू ने पिछली बार ताइ जू को रियो ओलंपिक में हराया था.

सिंधू से जब पूछा गया कि रियो ओलंपिक के बाद ताइ जू में क्या बदलाव आया है तो उन्होंने कहा, उसने अपने स्ट्रोक और खेल के तरीके में बदलाव किया है. अगर हम भी उन चीजों पर काम करेंगे तो यह हमारे पक्ष में काम कर सकता है.

सिंधू इस साल कई बड़े टूर्नामेंटों के फाइनल में हारकर उपविजेता रही है. वह इससे पहले गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों के फाइनल में साइना से हारी थी जबकि विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में उसे स्पेन की कैरोलिना मारिन ने मात दी थी. इंडिया ओपन फाइनल में बेवेन झांग से और थाईलैंड ओपन में नोजोमी ओकुहारा से हारी थी. उन्होंने कहा कि मैच से पहले वह दबाव में नहीं थी.

सिंधू ने कहा, मैं कोई दबाव महसूस नहीं कर रही थी. नतीजा ठीक है लेकिन मैंने महसूस किया कि अपना 100 प्रतिशत देना जरूरी था. कुल मिला का यह अच्छा टूर्नामेंट था. संधू की फाइनल में यह 10वीं हार थी लेकिन भारत के मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद को अपनी खिलाड़ी के साथ खड़े दिखे. उन्होंने कहा, खेल खत्म होने के बाद सब स्वर्ण पदक चाहते है लेकिन हमने इतना हासिल किया जिसपर फख्र हो. उम्मीद है कि हम ऐसे नतीजे को बदल सकेंगे.

Prabhat Khabar Digital Desk
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