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एशियन गेम्स : स्वर्णिम सफर जारी रखना चाहेगी भारतीय पुरुष हॉकी टीम

18 अगस्त से इंडोनेशिया की राजधानी जाकार्ता में एशियन गेम्स का आयोजन किया जायेगा, तो भारतीय पुरुष हॉकी टीम 2014 के स्वर्णिम सफर को यहां भी जारी रखने उतरेगी. भारत ने पिछली बार दक्षिण कोरिया में खेले गये एशियन गेम्स की हॉकी स्पर्धा के फाइनल में चिरप्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हरा कर गोल्ड मेडल जीता था. […]

18 अगस्त से इंडोनेशिया की राजधानी जाकार्ता में एशियन गेम्स का आयोजन किया जायेगा, तो भारतीय पुरुष हॉकी टीम 2014 के स्वर्णिम सफर को यहां भी जारी रखने उतरेगी. भारत ने पिछली बार दक्षिण कोरिया में खेले गये एशियन गेम्स की हॉकी स्पर्धा के फाइनल में चिरप्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हरा कर गोल्ड मेडल जीता था. इस बार भी अनुभवी ड्रैगफ्लिकर रूपिंदर पाल सिंह और स्ट्राइकर आकाशदीप सिंह की देखरेख में टीम बेहतर प्रदर्शन करने उतरेगी. वहीं महिला टीम पिछले प्रदर्शन को सुधारना चाहेगी. महिलाओं को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा था.

एशियन गेम्स में भारत का पहला मैच 22 अगस्त को हांगकांग से है. इस मैच में भारत का पलड़ा भारी दिख रहा है. गोलकीपर पीआर श्रीजेश को एशियन गेम्स में जहां कप्तानी सौंपी गयी है, वहीं चिंग्लेनसाना सिंह को उपकप्तान के रूप में बरकरार रखा गया है और मिडफील्ड में वह अनुभवी सरदार सिंह, मनप्रीत सिंह, सिमरनजीत सिंह और विवेक सागर प्रसाद के साथ शामिल हैं. आकाशदीप फॉरवर्ड की भूमिका में नजर आयेंगे. एशियन गेम्स में शानदार प्रदर्शन के लिए बिहारी कोच हरेंद्र सिंह की निगरानी में टीम जोरदार अभ्यास कर रही है. भारत के मुख्य कोच हरेंद्र सिंह टीम के संयोजन से खुश हैं. उन्होंने कहा कि हमारे खिलाड़ियों का मिश्रण शानदार है, जिन्होंने हाल की प्रतियोगिताओं में अपनी क्षमताएं दिखायी हैं.

इन खिलाड़ियों पर रहेंगी नजरें
आकाशदीप के अलावा एशियाई खेलों की हॉकी टीम में एसवी सुनील, मनदीप सिंह, ललित कुमार उपाध्याय और दिलप्रीत सिंह अन्य स्ट्राइकर होंगे. हरमनप्रीत सिंह, वरुण कुमार, अमित रोहिदास, सुरेंद्र कुमार और बीरेंद्र लकड़ा के अलावा अनुभवी ड्रैगफ्लिकर रूपिंदर की वापसी से डिफेंस मजबूत हुआ है.

-19 मेडल जीत चुकी है पुरुष हॉकी टीम
-04 बार गोल्ड मेडल पर कब्जा किया है
-10 बार रजत पर जीता है
-05 बार कांस्य जीता है
भारतीय महिला हॉकी टीम को 38 वर्षों से गोल्ड मेडल का इंतजार
एशियन गेम्स में पिछली बार भारतीय महिला हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीता था. सिर्फ एक बार 1982 एशियन गेम्स में टीम गोल्ड मेडल जीतने में सफल रही है. महिला टीम को 36 वर्ष से गोल्ड मेडल जीतने का इंतजार है. इस बार एशियन गेम्स में शानदार प्रदर्शन के लिए कप्तानी रानी रामपाल के नेतृत्व में सीनियर खिलाड़ियों को वरीयता दी गयी है. गोलकीपर सविता को उपकप्तान चुना गया है. भारतीय टीम के डिफेंस की जिम्मेदारी अनुभवी दीप ग्रेस इक्का, सुनीता लाकरा, दीपिका और रीना खोखर पर है, जबकि मिडफील्ड में नमिता टोप्पो, लिलिमा मिन्ज, मोनिका, उदिता, निक्की प्रधान और नेहा गोयल कमाल दिखायेंगी. फॉरवर्ड में कप्तान रानी रामपाल खुद होंगीं. रानी रामापल के पास काफी अनुभव है, वो 200 से ज्यादा मैच खेल चुकी हैं. वंदना कटारिया के पास भी 200 से ज्यादा मैचों का अनुभव है. हालांकि हाल ही में विश्व कप हॉकी में भारतीय टीम का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है, लेकिन टीम के मुख्य कोच जोएर्ड मराइने ने का मानना है कि युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का अच्छा मिश्रण है. हर खिलाड़ी के पास बढ़िया अनुभव है.

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